Top News
Next Story
NewsPoint

भारत में थोक महंगाई दर अक्टूबर में बढ़कर 2.36 प्रतिशत रही

Send Push

नई दिल्ली, 14 नवंबर . भारत में थोक महंगाई दर अक्टूबर में बढ़कर 2.36 प्रतिशत हो गई है. थोक महंगाई में बढ़त की वजह खाद्य वस्तुओं की कीमतें उच्च स्तर पर रहना है. सितंबर में यह 1.84 प्रतिशत थी. यह जानकारी गुरुवार को सरकार द्वारा जारी आंकड़ों से मिली.

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, बीते महीने खाद्य उत्पादों की कीमतों में 13.57 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इसकी वजह मानसून की देरी से वापसी के कारण फसलों को हुए नुकसान के बाद आलू और प्याज जैसी सब्जियां का महंगा होना है.

विनिर्मित वस्तुओं में थोक महंगाई दर, जिसका थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) में भार 64 प्रतिशत से अधिक है, बीते महीने 1.5 प्रतिशत का इजाफा हुआ है.

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, ईंधन और बिजली की में कीमतों में गिरावट आई और महंगाई दर नकारात्मक (-) 5.79 प्रतिशत रही.

सरकार द्वारा मंगलवार को खुदरा महंगाई दर के आंकड़े जारी किए गए थे. अक्टूबर में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) बढ़कर 6.21 प्रतिशत हो गया है. यह अक्टूबर में 5.49 प्रतिशत था.

खुदरा महंगाई दर बढ़ने की वजह बीते महीने सब्जियों की कीमतों में तेज बढ़ोतरी को माना जा रहा है. अक्टूबर में सब्जियों की कीमतों में 42.18 प्रतिशत का इजाफा हुआ है.

बीते 14 महीनों में यह पहली बार था, जब रिटेल महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा तय किए गए स्तर 6 प्रतिशत के ऊपर थी.

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने पिछले हफ्ते कहा था कि आरबीआई विकास को गति देने के लिए नरम तटस्थ मौद्रिक नीति रुख की ओर बढ़ गया है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि ब्याज दर में तुरंत कटौती होगी.

एक मीडिया कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा कि रुख में बदलाव का मतलब यह नहीं है कि अगली मौद्रिक नीति बैठक में दर में कटौती होगी.

उन्होंने आगे कहा था कि महंगाई के बढ़ने का अभी भी जोखिम बना हुआ है. ऐसे समय में ब्याज दरों में कटौती करना एक जोखिम भरा फैसला हो सकता है.

एबीएस/

The post first appeared on .

Explore more on Newspoint
Loving Newspoint? Download the app now