पटना, 18 नवंबर . बिहार में किसान अभी धान बेचने के लिए क्रय केंद्रों में नहीं पहुंच पा रहे हैं, जिससे धान खरीद की रफ्तार सुस्त पड़ी है. कहा जा रहा है अभी कई इलाकों में धान की कटाई नहीं हो सकी है तथा प्रदेश में पैक्स (प्राथमिक कृषि साख समितियां) का चुनाव चल रहा है, जिस कारण धान खरीद रफ्तार नहीं पकड़ सकी है.
बिहार में इस साल एक नवंबर से किसानों के धान खरीद का कार्य प्रारंभ हुआ है और यह 15 फरवरी तक चलेगा. इस साल धान खरीद का लक्ष्य 45 लाख मीट्रिक टन रखा गया है. इधर, आँकड़ो पर गौर करें तो धान खरीद का कार्य प्रारंभ हुए एक पखवारा से ज्यादा का समय गुजर गया है लेकिन अब तक 15 हजार मीट्रिक टन धान की ही खरीद हो पाई है.
धान खरीद की रफ्तार तेज नहीं होने का कारण पैक्स का चुनाव और दक्षिण बिहार में धान की कटाई में सुस्ती माना जा रहा है. दरअसल, बिहार में पैक्स का चुनाव चल रहा है, जिसमें अधिकांश अध्यक्षों और किसान का ध्यान चुनाव पर है. तीन दिसंबर को अंतिम चरण का मतदान है. इसके बाद धान की खरीद के रफ्तार पकड़ने की उम्मीद है.
वैसे कहा जा रहा है कि जहां क्रय केंद्र खुले भी हैं, वहां भी किसान नहीं पहुंच रहे हैं. बताया जाता है कि रविवार तक कोसी क्षेत्र के अररिया में 2234 मीट्रिक टन तथा सहरसा में 686 मीट्रिक टन की खरीद अब तक हो चुकी है. सीवान, सीतामढ़ी, पूर्णिया सहित कई जिलों में भी धान की खरीद प्रारंभ हो चुकी है.
प्रदेश के दक्षिणी भाग में अभी तक धान की कटाई पूरी नहीं हुई है, जहां हुई है वहां भी अभी धान में नमी है, जिस कारण किसान क्रय केंद्रों में नहीं पहुंच रहे हैं. सरकार के नियमों के मुताबिक धान में अधिक नमी होने पर धान की खरीद नहीं होगी. बताया जा रहा है कि किसान धान को धूप में सूखा रहे हैं, जिससे उसमे नमी कम हो सके. ऐसे अनुमान लगाया जा रहा है कि पांच दिसंबर के बाद धान खरीद में गति आएगी.
–
एमएनपी/एएस
The post first appeared on .
You may also like
पापा रणबीर कपूर की गोद में स्विमसूट पहनकर बैठी नन्ही सी राहा, छोटे से बन पर पड़ी सबकी नजर, हर कोई ले रहा बलाएं
SL vs NZ 3rd ODI Dream11 Prediction: कैंडी में होगा आखिरी मुकाबला, ऐसे बनाएं तीसरे वनडे के लिए Fantasy Team
'बागी 4' में दिखेगा टाइगर श्रॉफ का सबसे खूंखार अवतार, खून से सना हुआ सामने आया पोस्टर, जानिए क्या है रिलीज डेट
राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस पाखंड की मास्टरक्लास, अपने ट्रैक रिकॉर्ड को करें याद : हितेश जैन
'वर्क फ्रॉम होम' भारतीय कंपनियों के लिए 'फायदेमंद', स्टडी में सामने आई कई जानकारी