हैदराबाद, 17 नवंबर . जमात-ए-इस्लामी हिंद के अध्यक्ष सैयद सदातुल्ला हुसैनी ने शनिवार को संगठन के सदस्यों से संगठन और मुस्लिम समुदाय से आगे बढ़कर समाज में अपनी पहुंच बढ़ाने की अपील की.
उन्होंने हैदराबाद में तीन दिवसीय अखिल भारतीय सदस्य सम्मेलन के दूसरे दिन जमात कैडर सम्मेलन में अपने अध्यक्षीय भाषण में यह आह्वान किया.
हुसैनी ने उनसे “राइज” नामक एक नए ढांचे का उपयोग करके बड़े समाज तक पहुंचने के लिए कहा, जो रीच आउट, व्यक्तिगत योगदान, सार्वजनिक राय बनाने और जुड़ाव के लिए है.
उन्होंने संगठन से परे जुड़ाव बढ़ाने, व्यक्तिगत आउटरीच, सुधार और सेवा पर ध्यान केंद्रित करने, सार्वजनिक धारणा में सकारात्मक बदलाव लाने और आउटरीच को बढ़ाने के लिए व्यापक मुस्लिम समुदाय को शामिल करने की आवश्यकता पर बल दिया.
उन्होंने घोषणा की, “आइए हम आगामी वर्ष 2025 को राइज का वर्ष बनाएं.”
जमात के अध्यक्ष ने जमात के सदस्यों और कार्यकर्ताओं के उत्साह और समर्पण को स्वीकार किया और इन गुणों को आंदोलन की अमूल्य संपत्ति बताया.
उन्होंने बताया कि एसआईओ और जीआईओ जैसे संगठन इस्लामी सिद्धांतों पर आधारित नेतृत्व को बढ़ावा देकर इस पीढ़ी-निर्माण प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
हुसैनी ने एक मजबूत भविष्य के निर्माण के लिए एक बड़े प्रयास के हिस्से के रूप में युवा और छात्र संगठनों को पोषित करने और उनका समर्थन करने पर तत्काल ध्यान देने का आह्वान किया.
उन्होंने आंदोलन में महिलाओं के बढ़ते योगदान की सराहना की और कहा कि उच्च शिक्षा स्तर और तकनीकी प्रगति के कारण उनकी भूमिकाएं काफी बढ़ गई हैं.
वर्तमान राष्ट्रीय और वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा करते हुए जेआईएच अध्यक्ष ने सक्रिय और रणनीतिक दृष्टिकोण अपनाने का आग्रह किया.
उन्होंने कुरान के सिद्धांत का हवाला दिया कि कठिनाई के बाद आसानी आती है. उन्होंने चुनौतियों के भीतर अवसर देखने के लिए प्रोत्साहित किया.
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि चुनौतियां क्षणिक हैं. उन्होंने सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए शांतिपूर्ण और वैध साधनों को अपनाने के महत्व को दोहराया.
एसआईओ के अध्यक्ष रमीज ईके ने समाज के पुनर्निर्माण में छात्रों और युवाओं की भूमिका पर बात की.
जीआईओ नेशनल फेडरेशन की अखिल भारतीय अध्यक्ष सामिया रोशन ने छात्राओं के बीच आंदोलन के तेजी से बढ़ने पर बात की.
जेआईएच की राष्ट्रीय सचिव रहमथुन्निसा ने संगठन के भीतर महिलाओं के लिए नई जरूरतों और दिशाओं पर चर्चा की.
जेआईएच के उपाध्यक्ष एस. अमीनुल हसन ने वैश्विक परिदृश्य और न्याय के मुद्दे पर बात की.
जेआईएच के उपाध्यक्ष प्रोफेसर सलीम इंजीनियर ने देश की वर्तमान चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की.
सदस्य सम्मेलन का मुख्य आकर्षण ‘इदराक तहरीक शोकेस’ नामक विशेष प्रदर्शनी थी, जिसमें देश भर में सफलतापूर्वक चल रहे 100 से अधिक सामुदायिक और सामाजिक विकास कार्यक्रमों को प्रदर्शित किया गया.
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एकेएस/एकेजे
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