Top News
Next Story
NewsPoint

सुनामी की तैयारियों के लिए निवेश बढ़ाना जरूरी: यूनेस्को

Send Push

बांदा आचे (इंडोनेशिया), 16 नवंबर . यूनेस्को ने तटीय क्षेत्रों में बसे समुदायों की रक्षा और बचाव के लिए दुनिया का आह्वान किया है. अपील की है कि 2030 तक तटीय इलाकों को 100 फीसदी सुरक्षित बनाने के लिए निवेश किया जाए. इसमें भारत के 26 समुदाय भी शामिल हैं.

2004 में हिंद महासागर में आई घातक सुनामी के 20 साल पूरे होने के मौके पर शुक्रवार को इंडोनेशिया में दुनिया के प्रमुख सुनामी विशेषज्ञों और नीति निर्माताओं की बैठक में एक अपील की गई. इसमें एक डेडिकेटेड रोडमैप प्रस्तुत किया गया.

चार दिवसीय यूनेस्को अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान, एक्सपर्ट्स ने माना कि सुनामी विज्ञान, वार्निंग सिस्टम और सामुदायिक तैयारियों में यूनेस्को और उसके सहयोगियों के समन्वय की वजह से आज विश्व तैयार है.

यूनेस्को की महानिदेशक ऑड्रे अज़ोले ने कहा, “साथ मिलकर, हम दुनिया को सुनामी से सुरक्षित बनाने और भविष्य के लिए बेहतर तरीके से तैयार करने में सफल रहे हैं. हमने पूर्व अलर्ट सिस्टम स्थापित किया है और 30 से अधिक देश अपनी आबादी को प्रशिक्षित करने के लिए यूनेस्को के सुनामी रेडी कार्यक्रम से पहले ही लाभान्वित हो चुके हैं. लेकिन अभी भी बहुत काम किया जाना बाकी है. हम अपने सभी सदस्य देशों से आग्रह करते हैं कि वे अपने निवेश को जारी रखें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि खतरा उत्पन्न होने पर तटीय समुदाय तेजी से और प्रभावी ढंग से खुद को बचा सके.”

यूनेस्को सम्मेलन का समापन बांदा आचे स्टेटमेंट को अपनाने के साथ हुआ, जो अगले दशक के लिए वैश्विक सुनामी चेतावनी और शमन प्रणाली में सुधार करने के लिए वैश्विक विशेषज्ञों और नीति निर्माताओं की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

इस स्टेटमेंट में राज्यों और नागरिक समाज से अपील की गई है कि वो 2030 तक विश्व भर में सुनामी का मुकाबला करने के लिए विभिन्न समुदायों की रक्षा हेतु 100 फीसदी निवेश करें. सम्मेलन में शामिल हुए लोगों ने इस बात पर जोर दिया कि इसे हासिल करना एक महत्वपूर्ण लक्ष्य है, क्योंकि 700 मिलियन से अधिक लोग उन क्षेत्रों में बसते हैं जिन पर सुनामी का खतरा है.

एससीएच/केआर

The post first appeared on .

Explore more on Newspoint
Loving Newspoint? Download the app now