नई दिल्ली, 2 नवंबर . केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शनिवार को से खास बातचीत के दौरान 1984 के सिख दंगों पर अपनी राय रखी. उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर जमकर हमला किया.
केंद्रीय मंत्री ने से बात करते हुए कहा कि 1984 के दंगों में तीन हजार से अधिक लोगों की हत्या हुई थी. यह एक “कोल्ड ब्लडेड एट्रोसिटी” थी. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने न केवल माफी नहीं मांगी, बल्कि जिन लोगों का नाम इस घटना में आया वे अब भी पार्टी में महत्वपूर्ण पदों पर हैं – जैसे जगदीश टाइटलर कांग्रेस कमेटी के मेंबर हैं.
उन्होंने कहा कि 1984 में सिख संप्रदाय के खिलाफ जो अत्याचार हुए, वह सिर्फ दंगे नहीं थे. यह पूरी तरह से एकतरफा था. कांग्रेस पार्टी के लिए यह शर्मनाक है कि वह ऐसे लोगों को अपने बीच में रख रही है, जिन पर इन घटनाओं का आरोप है. इसका मतलब है कि उन्हें 1984 के नरसंहार के प्रति कोई पछतावा नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1984 के पीड़ितों के लिए राहत का मुद्दा उठाया, वरना इन लोगों को कोई मदद नहीं मिलती.
उन्होंने यह स्पष्ट किया कि अगर पीएम मोदी इस मुद्दे को सामने नहीं लाते, तो पीड़ितों को सहायता नहीं मिलती. प्रधानमंत्री मोदी ने इस मुद्दे को उठाकर जो राहत उपलब्ध कराई है, वह महत्वपूर्ण है. जो भी इस तरह के अपराधों के पीछे हैं, उन्हें जल्द से जल्द न्याय के कठघरे में लाया जाएगा.
साल 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दंगा भड़का था. इंदिरा गांधी को उनके सिख अंगरक्षकों ने गोली मारी, जिसके परिणामस्वरूप पूरे देश में सिख समुदाय के खिलाफ हिंसा फैल गई. दंगे शुरू होते ही दिल्ली और अन्य शहरों में सिखों के खिलाफ हिंसक हमले किए गए. लोगों ने सिखों के घरों, दुकानों और गुरुद्वारों को निशाना बनाया. इस दंगे में लगभग तीन हजार सिखों की हत्या हुई थी. कई सिखों को उनके घरों से खींचकर बाहर लाया गया और उन पर अत्याचार किया गया.
–
पीएसके/एकेजे
The post first appeared on .
You may also like
'मुंबादेवी की बेटी हूं, मैं लड़ूंगी और जीतूंगी' : शाइना एनसी
इन राशियों के सितारे चमकने वाले हैं। इन आने वाले दिनों को देखिए
मणिपुर : पुलिस कांस्टेबल ने कहासुनी के बाद सब इंस्पेक्टर को मारी गोली, मौत
UPSC टॉपर तमाली साहा: कैसे बनीं 23 साल की उम्र में भारतीय वन सेवा अधिकारी
Jharkhand Election: झारखंड की राजनीति में घटती-बढ़ती रही है माननीयों की उम्र, लिस्ट में सिर्फ हेमंत सोरेन ही नहीं