नई दिल्ली, 16 नवंबर . एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस (एएमआर) को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि यह वैश्विक स्वास्थ्य के लिए एक खतरा बन गया है. वहीं कहा कि इसे ‘वन हेल्थ’ दृष्टिकोण के माध्यम से तत्काल निपटाया जाना चाहिए.
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने यह बात सऊदी अरब के जेद्दा में एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस (एएमआर) पर चौथे मंत्रिस्तरीय उच्च स्तरीय वैश्विक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही.
पटेल ने कहा कि ‘वन हेल्थ’ दृष्टिकोण मानव, पशु और पौधों के स्वास्थ्य के साथ-साथ पर्यावरण और अन्य प्रासंगिक क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देता है जो एएमआर से लड़ने के लिए महत्वपूर्ण है.
उन्होंने एएमआर पर घोषणा में की गई प्रतिबद्धताओं को लागू करने के लिए व्यावहारिक कदमों की रूपरेखा भी प्रस्तुत की. इसके साथ ही निगरानी को मजबूत करने,सहयोग को बढ़ावा देने और रोगाणुरोधी पहुंच में महत्वपूर्ण बाधाओं को दूर करने के महत्व पर बल दिया.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, बैक्टीरियल एएमआर 1.27 मिलियन मौतों के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार था. 2019 में इसके कारण 4.95 मिलियन मौतें हुई है.
एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस (एएमआर) का पता लगाने और निगरानी में सुधार को लेकर पटेल ने “एक व्यापक दृष्टिकोण” प्रस्तावित किया, जिसमें एएमआर के खिलाफ लड़ाई के लिए स्थायी वित्तपोषण के साथ शोध में निवेश करना शामिल है.
राज्य मंत्री ने कहा कि देश एएमआर मल्टी-पार्टनर ट्रस्ट फंड के निर्माण और अगले साल तक एएमआर के खिलाफ कार्रवाई के लिए साक्ष्य पर एक स्वतंत्र पैनल की स्थापना का भी समर्थन करता है.
इस बीच पटेल ने विकासशील देशों, विशेष रूप से निम्न और मध्यम आय वाले देशों (एलएमआईसी) में रोगाणुरोधी, निदान और टीकों तक समान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय या क्षेत्रीय विनिर्माण केंद्रों और नियामक तंत्र को मजबूत करने का भी प्रस्ताव रखा है.
पटेल ने एएमआर से संबंधित मौतों की आधारभूत दरों की गणना के लिए सांख्यिकीय मॉडलिंग में क्षमता निर्माण की आवश्यकता पर प्रकाश डाला, जिससे सदस्य देशों को एएमआर से संबंधित मौतों को 10 प्रतिशत तक कम करने के वैश्विक लक्ष्य की दिशा में प्रगति पर नजर रखने में मदद मिलेगी.
पटेल ने कहा, “भारत एएमआर से निपटने में वैश्विक प्रयासों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है, साथ ही यह सुनिश्चित करता है कि समाधान टिकाऊ हों.”
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एमकेएस/जीकेटी
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