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सुप्रीम कोर्ट का बुलडोजर कार्रवाई पर फैसला ऐतिहासिक : हुसैन दलवई

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नई दिल्ली, 14 नवंबर . महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद हुसैन दलवई ने बुधवार को से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कई अहम मुद्दों पर अपनी राय दी, जिनमें सुप्रीम कोर्ट का बुलडोजर कार्रवाई पर फैसला, महाराष्ट्र की राजनीति, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘एक हैं तो सेफ हैं’ वाले बयान और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘बंटोगे तो कटोगे’ वाले नारे पर प्रतिक्रिया दी.

हुसैन दलवई ने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का स्वागत किया, जिसमें अदालत ने बिना कानूनी प्रक्रिया के बुलडोजर कार्रवाई को असंवैधानिक करार दिया. उन्होंने कहा कि बहुत अच्छा हुआ कि सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला दिया. यह गैर-कानूनी था. अगर कोई एक आदमी गलती करता है, तो उसका घर तोड़ना ठीक नहीं है. यह संविधान के खिलाफ था. उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई न केवल अवैध थी, बल्कि इसका उद्देश्य लोगों को डराना और उनके अधिकारों का उल्लंघन करना था.

उन्होंने आरोप लगाया कि इस प्रकार की कार्रवाई विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय के खिलाफ की जा रही थी. मुसलमानों के खिलाफ यह बुलडोजर अभियान जानबूझकर चलाया गया था. यह कोई असंवैधानिक राजनीति का हिस्सा था, जिसे कुछ सत्ताधारी दलों ने अपने राजनीतिक फायदे के लिए बढ़ावा दिया था. उन्होंने यह भी कहा कि जो अधिकारी इस कार्रवाई में शामिल थे, उन पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए और जिनके घर गिराए गए, उन्हें मुआवजा दिया जाना चाहिए.

हुसैन दलवई ने आरएसएस की विचारधारा पर भी सवाल उठाए और आरोप लगाया कि संघ से जुड़े लोग संविधान का सम्मान नहीं करते. उन्होंने कहा कि आरएसएस और उनके लोग संविधान को मानते नहीं. उन्होंने 1950 में ही कह दिया था कि वह संविधान को मानने के लिए तैयार नहीं हैं. उनकी राजनीति संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ है. आरएसएस का मकसद भारत के संविधान को तोड़ने का है और उसकी जगह वह भगवा विचारधारा को थोपने की कोशिश कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि यह बहुत खतरनाक है कि आरएसएस और भाजपा अपने लोगों को इस विचारधारा से भर रहे हैं. उनका मकसद समाज में हिंसा फैलाना, नफरत पैदा करना और संविधान को कमजोर करना है.”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “एक हैं तो सेफ हैं” वाले बयान पर हुसैन दलवई ने कड़ी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि यह बयान देश को विभाजित करने की कोशिश है. इस प्रकार के बयान नफरत और हिंसा को बढ़ावा देते हैं. क्या हिंदू-मुसलमान का मुद्दा अब राजनीति का हिस्सा बन गया है? हम ईद और दिवाली एक साथ मनाते हैं, क्या यह सही नहीं है? उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने धार्मिक और जातीय ध्रुवीकरण का माहौल पैदा किया है. उन्होंने इस बयान को देश की सांप्रदायिक एकता के लिए खतरा बताया. उन्होंने कहा कि हिंदू और मुस्लिम के बीच मतभेद पैदा करने से ही उनकी राजनीति चलती है, लेकिन हम इस देश के नागरिकों को एकजुट करना चाहते हैं, न कि उनका विभाजन करना.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के “बंटोगे तो कटोगे” वाले बयान पर हुसैन दलवई ने कहा कि ये शब्द किसी भी सभ्य लोकतांत्रिक समाज में इस्तेमाल नहीं किए जा सकते. यह घिनौनी बात है, जो एक उच्च पदस्थ व्यक्ति द्वारा कहे जाने की अपेक्षा नहीं की जा सकती. इस तरह के बयान से एक भयानक संदेश जाता है और यह पूरी तरह से लोकतंत्र के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का यह बयान समाज में नफरत और हिंसा को बढ़ावा देता है. यह बयान भाजपा की विचारधारा का हिस्सा है, जो लोकतंत्र और संविधान का सम्मान नहीं करती. हमें ऐसे नेताओं को सत्ता में नहीं रहने देना चाहिए.

महाराष्ट्र में कांग्रेस के भविष्य के बारे में हुसैन दलवई ने कहा कि उनकी पार्टी जल्द ही राज्य में सत्ता में लौटेगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा से जनता के लिए काम करती आई है और हम उम्मीद करते हैं कि आने वाले दिनों में महाराष्ट्र में कांग्रेस की सरकार बनेगी. हमारी पार्टी ने हमेशा से जनहित में फैसले लिए हैं, और हम इस पर कायम हैं.

पीएसके/एकेजे

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