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बॉम्बे हाई कोर्ट ने शुक्रवार को एक स्वागत योग्य कदम उठाते हुए साफ तौर पर कहा कि नाबालिग पत्नी के साथ यौन संबंध बनाना बलात्कार है। खबरों के मुताबिक, बॉम्बे हाई कोर्ट की बेंच ने कहा कि 18 साल से कम उम्र के पुरुष और उसकी पत्नी के बीच यौन संबंध बलात्कार माना जाएगा, भले ही यह सहमति से हुआ हो।
इससे पहले इंडिपेंडेंट थॉट बनाम यूनियन ऑफ इंडिया और दूसरे मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाई कोर्ट जैसा ही फैसला दिया था।
हालांकि मौजूदा मामले में पीड़िता नाबालिग को कथित तौर पर एक पुरुष के साथ यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर किया गया था। उसने कहा कि उसे शादी का झांसा देकर संबंध बनाने के लिए मजबूर किया गया। उसने कोर्ट को आगे बताया कि उसने उस व्यक्ति से शादी की थी, लेकिन वह नाबालिग थी और उसने कोर्ट को एक-दूसरे को माला पहनाते हुए दोनों की तस्वीरें भी दीं।
इस मामले में बचाव पक्ष ने साफ तौर पर कहा कि मामला प्रथम दृष्टया अयोग्य है, क्योंकि यौन क्रिया सहमति से हुई थी। हालांकि, न्यायालय ने इन दलीलों को खारिज कर दिया और दृढ़ता से कहा कि अभियोजन पक्ष ने यह साबित कर दिया है कि कथित अपराध के समय पीड़िता नाबालिग थी और नाबालिग के साथ कोई भी यौन संबंध बलात्कार माना जाएगा, भले ही वह सहमति से बना हो।
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