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पादरी बनने की ख्वाहिश, लेकिन बन गए दुनिया के सबसे खतरनाक गेंदबाज

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श्रीलंका के पूर्व तेज गेंदबाज चामिंडा वास ने अपने करियर में कई अविस्मरणीय प्रदर्शन किए हैं। 2001 में, उन्होंने जिम्बाब्वे के खिलाफ वनडे मैच में सिर्फ 8 ओवर में 8 विकेट लेकर इतिहास रच दिया था, जो आज भी एक अनोखा रिकॉर्ड है।

क्रिकेट के दिग्गज गेंदबाज

विश्व क्रिकेट में कई महान गेंदबाजों का नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है। चाहे वह वेस्टइंडीज के मैल्कम मार्शल हों, ऑस्ट्रेलिया के डेनिस लिली, पाकिस्तान के वसीम अकरम और शोएब अख्तर, या फिर इंग्लैंड के जेम्स एंडरसन और दक्षिण अफ्रीका के डेल स्टेन, इन सभी गेंदबाजों ने अपनी तूफानी गेंदबाजी से बल्लेबाजों को मुश्किल में डाला है।

श्रीलंकाई गेंदबाज भी इस सूची में पीछे नहीं हैं। दुनिया के सबसे बेहतरीन स्पिनर मुथैया मुरलीधरन श्रीलंका की टीम में थे, लेकिन उनकी सफलता सिर्फ उनके दम पर नहीं थी। चामिंडा वास और लसिथ मलिंगा जैसे तेज गेंदबाज भी इस टीम की जीतों में अहम भूमिका निभाते रहे हैं।

पादरी बनने की चाहत रखने वाला खिलाड़ी

चामिंडा वास बचपन में पादरी बनना चाहते थे, लेकिन किस्मत ने उन्हें दुनिया के सबसे खतरनाक गेंदबाजों में से एक बना दिया। उन्होंने न सिर्फ श्रीलंका को कई मैचों में जीत दिलाई बल्कि क्रिकेट के इतिहास में भी अपना नाम दर्ज कराया। उनकी गेंदबाजी का खौफ बड़े-बड़े बल्लेबाजों के चेहरों पर साफ दिखाई देता था।

चामिंडा वास को क्रिकेट के सबसे महान तेज गेंदबाजों में से एक माना जाता है। उन्होंने श्रीलंका के लिए 761 विकेट लिए हैं, जिसमें 400 वनडे विकेट, 355 टेस्ट विकेट, और 6 टी20 विकेट शामिल हैं। उनके आंकड़े उनकी अविश्वसनीय प्रतिभा और योगदान को दर्शाते हैं।

रिकॉर्डतोड़ स्पेल

2001 में जिम्बाब्वे के खिलाफ, चामिंडा वास ने एक ऐतिहासिक प्रदर्शन किया। उन्होंने अपनी घातक गेंदबाजी से जिम्बाब्वे की पूरी टीम को मात्र 38 रनों पर समेट दिया। वास ने 8 ओवर में 8 विकेट लेकर केवल 19 रन दिए, जिसमें 3 मेडन ओवर शामिल थे।

उनकी गेंदबाजी इतनी प्रभावशाली थी कि जिम्बाब्वे की टीम 40 रन का आंकड़ा भी पार नहीं कर सकी और 15.4 ओवर में 38 रन पर ढेर हो गई। सिर्फ स्टुअर्ट कार्लिस्ले ही 16 रन बना सके, बाकी कोई भी बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा छूने में नाकाम रहा।

श्रीलंकाई टीम ने यह आसान लक्ष्य मात्र 4.2 ओवर में 1 विकेट के नुकसान पर हासिल कर लिया। इस मैच में वास ने अपने करियर की पहली हैट्रिक भी ली, जब उन्होंने 10वें ओवर की तीसरी, चौथी, और पांचवीं गेंद पर लगातार तीन विकेट चटकाए—कार्लिस्ले, क्रेग विशार्ट, और टाटाएंडा ताइबू।

डबल हैट्रिक और विश्व कप की यादगार जीत

वास ने अपने करियर में कई यादगार जीत दिलाई हैं। उन्होंने जिम्बाब्वे के खिलाफ हैट्रिक के बाद 2003 के विश्व कप में बांग्लादेश के खिलाफ दूसरी हैट्रिक ली, जिससे उनकी गेंदबाजी क्षमता और भी मजबूत साबित हुई।

पादरी बनने का सपना और गेंदबाजी की नई उड़ान

चामिंडा वास के जीवन की एक रोचक बात यह है कि वह बचपन में पादरी बनने का सपना देखते थे। एक इंटरव्यू में उन्होंने इसका खुलासा किया था। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था, और वास ने श्रीलंका के सबसे बेहतरीन तेज गेंदबाजों में से एक बनकर क्रिकेट की दुनिया में अपनी पहचान बनाई।

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