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झांसी मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू वार्ड में आग लग गई। कम से कम 10 शिशुओं की मौत हो गई और कई घायल हो गए। कल रात वार्ड में आग लग गई, जिससे शिशुओं की जान चली गई। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है।
झांसी मेडिकल कॉलेज में हुई घटना की जांच के लिए टीम गठित कर दी गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मेडिकल कॉलेज में लगे अग्निशमन यंत्र एक या दो साल पहले ही एक्सपायर हो चुके हैं।
समाजवादी पार्टी के नेता चंद्र पाल सिंह यादव ने घटना पर कहा समाजवादी पार्टी के नेता डॉ. चंद्र पाल सिंह यादव ने इस घटना को दर्दनाक बताया। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज प्रशासन की लापरवाही के कारण ऐसा हुआ।
#WATCH | Jhansi Medical College tragedy | UP: Dr. Chandra Pal Singh Yadav, SP leader and former MP says, "It is being said that 10 newborns have died and around 40 are seriously injured...this is a very painful incident. This happened because of the carelessness of the medical… pic.twitter.com/vE6MssOrxL
— ANI (@ANI) November 16, 2024उन्होंने आगे कहा कि, "कहा जा रहा है कि दोपहर में भी शॉर्ट सर्किट हुआ था, लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया। अगर इसे गंभीरता से लिया जाता तो यह घटना टल सकती थी। इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।"
यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा, "फायर सेफ्टी ऑडिट हुआ था..." ब्रजेश पाठक ने कहा कि, "फरवरी में फायर सेफ्टी ऑडिट हुआ था। जून में एक मॉक ड्रिल भी की गई थी। यह घटना कैसे हुई और क्यों हुई, इस बारे में हम जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कह सकते हैं…नवजात शिशुओं के 7 शवों की पहचान हो चुकी है, 3 शवों की अभी पहचान नहीं हो पाई है…नवजात शिशुओं के परिजनों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
#WATCH | Jhansi Medical College Fire tragedy | UP Deputy CM Brajesh Pathak says, " In February, the fire safety audit was done. In June, a mock drill was also done. How this incident happened and why it happened, we can only say something about it once the probe report comes...7… pic.twitter.com/KTQe1Y5Sc3
— ANI (@ANI) November 16, 2024घटना पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक सचिन माहोर
एएनआई से बात करते हुए मुख्य चिकित्सा अधीक्षक सचिन माहोर ने कहा, कल रात 10.30-10.45 बजे के बीच शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लग गई। नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (एनआईसीयू) में 49 बच्चे थे। 39 को बचा लिया गया और 10 बच्चों की मौत हो गई। अभी तक बचाए गए सभी बच्चे स्थिर हैं। 3 शिशुओं के शवों की पहचान होनी बाकी है, उनकी पहचान की प्रक्रिया चल रही है ताकि शवों को उनके माता-पिता को सौंपा जा सके…”
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