आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की समय सीमा करीब आ रही है। ऐसे में, करदाता टैक्स बचाने के लिए कई तरीकों का सहारा ले रहे हैं। हालांकि, आईटीआर फाइल करते समय सटीकता बनाए रखना जरूरी है, क्योंकि किसी भी गलती से आयकर विभाग की ओर से नोटिस आ सकता है।
जैसे-जैसे वित्तीय वर्ष समाप्त होने की ओर बढ़ रहा है, आईटीआर दाखिल करने की तिथि भी करीब आ रही है। करदाता देश की अर्थव्यवस्था को गति देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और अक्सर सरकार द्वारा दी गई कर-बचत योजनाओं का उपयोग करते हैं। लेकिन फाइलिंग में की गई त्रुटियाँ परेशानी का कारण बन सकती हैं।
यदि करदाता अपने आईटीआर में गलत जानकारी देते हैं, तो आयकर विभाग विभिन्न नियमों के तहत नोटिस जारी कर सकता है। निम्नलिखित पांच सामान्य गलतियों से बचें:
आईटीआर फाइल न करना टैक्स स्लैब में आने वाले सभी करदाताओं के लिए आईटीआर फाइल करना अनिवार्य है। यहां तक कि अगर आपके पास विदेशी संपत्ति है, तो भी आईटीआर फाइल करना आवश्यक है। ऐसा न करने पर नोटिस आ सकता है।
टीडीएस में गलती आईटीआर फाइल करते समय टीडीएस में कोई भी अंतर नोटिस का कारण बन सकता है। इसलिए, आईटीआर फाइल करने से पहले टीडीएस की सटीकता सुनिश्चित करें।
अघोषित आय आईटीआर में सभी स्रोतों की आय, जिसमें निवेश की आय भी शामिल है, घोषित करना आवश्यक है। इसे छिपाने पर नोटिस आ सकता है।
हाई-वैल्यू ट्रांजेक्शन यदि आप अपनी सामान्य सीमा से बाहर कोई बड़ा लेन-देन करते हैं, तो यह जांच का कारण बन सकता है। जैसे, यदि आपकी आय 6 लाख रुपये है लेकिन आप एक साल में 15 लाख रुपये जमा करते हैं, तो विभाग आपके स्रोत की जांच कर सकता है।
आईटीआर फॉर्म में त्रुटि जरूरी विवरण छोड़ने या अन्य गलतियों से भी नोटिस आ सकता है। इससे बचने के लिए किसी पेशेवर की मदद लें।
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