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ईडी ने कॉरपोरेट पावर घोटाले में 500 करोड़ की संपत्ति कुर्क की

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लाइव हिंदी खबर :- यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र मुख्यालय वाली कॉरपोरेट पावर ने फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके 2009 और 2013 के बीच 4,037 करोड़ रुपये का ऋण प्राप्त किया और फर्जी कंपनियों के माध्यम से ऋणों को डायवर्ट किया। इसमें कहा गया है कि कंपनी पर ब्याज सहित बकाया कर्ज 11,379 करोड़ रुपये है। इस शिकायत के आधार पर, सीबीआई ने 2022 में कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज किया। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने भी इस घोटाले की जांच शुरू कर दी.

पिछले अगस्त में प्रवर्तन निदेशालय ने कंपनी के परिसरों पर छापा मारा था और 220 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली थी. इस मामले में कंपनी के निदेशकों मनोज जयासवाल, अभिजीत जयसवाल और अभिषेक जयसवाल ने संबंधित स्थानों पर छापेमारी की है. महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और आंध्र प्रदेश समेत 5 राज्यों में की गई इस छापेमारी में प्रवर्तन विभाग ने 500 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है. 250 फर्जी कंपनियां… प्रवर्तन विभाग ने कॉरपोरेट पावर कंपनी पर 250 फर्जी कंपनियों के जरिए बैंक से मिले लोन में हेराफेरी करने का आरोप लगाया है.

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