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अखिलेश का योगी सरकार पर तंज- उच्चतम न्यायालय ने बुलडोजर को हमेशा के लिए गैराज में खड़ा कर दिया है

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बुलडोजर कार्रवाई को लेकर उच्चतम न्यायालय की तल्ख टिप्पणी के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अदालत ने बुलडोजर को हमेशा के लिए गैराज में खड़ा कर दिया है।

यादव ने यह भी दावा किया कि बुलडोजर कार्रवाई के नाम पर गरीबों के घर तोड़े जा रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने सीसामऊ सीट पर 20 नवंबर को होने वाले उपचुनाव के लिए सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी के समर्थन में यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए बुलडोजर नीति पर उच्चतम न्यायालय की तल्ख टिप्पणी की सराहना की।

अखिलेश ने कहा, ''बुलडोजर कार्रवाई के नाम पर गरीबों के घर तोड़े जा रहे थे। अब उच्चतम न्यायालय ने अवैध रूप से मकान गिराने पर रोक लगा दी है।''

उन्होंने कहा कि अयोध्या में जिस तरह से बुलडोजर चलाए गए उसी के कारण लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की हार हुई। मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव भी स्थगित कर दिया गया। अब उच्चतम न्यायालय ने बड़ा आदेश जारी किया है। इससे बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगेगी।

योगी सरकार के बुलडोजर कार्रवाई 'मॉडल' पर कटाक्ष करते हुए सपा प्रमुख ने कहा, ''उच्चतम न्यायालय के फैसले के कारण बुलडोजर हमेशा के लिए गैराज में खड़ा हो गया है। शीर्ष अदालत ने जो कहा, उससे बड़ी टिप्पणी कोई नहीं हो सकती। मैं उच्चतम न्यायालय को बधाई और धन्यवाद देता हूं।''

उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे मामले भी हैं जिनमें अदालत ने ऐसी कार्रवाई के लिए सरकार पर जुर्माना भी लगाया है।

अखिलेश ने प्रयागराज में चल रहे छात्रों के विरोध प्रदर्शन का मुद्दा भी जोरदार तरीके से उठाया। उन्होंने कहा कि जो लोग (बीजेपी) रोजगार नहीं दे सकते, वे छात्रों को परेशान करने में लगे हैं।

बीजेपी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ''गलत प्रश्नपत्र बनाने वाले और गलत तरीके से प्रश्नपत्र छापने वाले

स्यता खत्म किये जाने की वजह से रिक्त हुई है। इसीलिये इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है। सपा ने इरफान की पत्नी नसीम सोलंकी को उम्मीदवार बनाया है। उपचुनाव 20 नवंबर को होगा और वोटों की गिनती 23 नवंबर को होगी। उसी दिन राज्य की आठ अन्य सीटों पर भी उपचुनाव हो रहे हैं।

सपा प्रमुख ने 'बटेंगे तो कटेंगे' के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नारे की भर्त्सना करते हुए कहा, ''यह असंवैधानिक और इतिहास का सबसे बुरा नारा है।''

राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि पहले चोरों को पकड़ने वाली पुलिस अब पुलिसकर्मियों को पकड़ने में व्यस्त है। उन्होंने वाराणसी का उदाहरण भी दिया जहां एक पुलिस निरीक्षक को एक वीडियो क्लिप वायरल होने के बाद निलंबित कर दिया गया था। वीडियो में वह खाकी वर्दी में दो बैग में नकदी लेकर अपार्टमेंट से निकलते हुए दिखाई दे रहा था।

उन्होंने जून 2022 में हुई हिंसा के दौरान 'निर्दोष' लोगों से जबरन वसूली करने के लिए कानपुर पुलिस की भी आलोचना की।

उन्होंने कहा कि कानपुर के जिलाधिकारी को नहीं पता कि कैसे 8-10 फुट गहरा गड्ढा खोदकर शव को वहां दफनाया गया।

सपा प्रमुख ने दावा किया कि इरफान सोलंकी को झूठे मामलों में फंसाया गया है और उन्हें सिर्फ इसलिए महराजगंज जेल में स्थानांतरित कर दिया गया क्योंकि वह कानपुर जिला जेल में उनसे मुलाकात करते थे। यादव ने किसी का नाम लिए बिना बीजेपी पर सुलतानपुर में फर्जी मुठभेड़ कराने का भी आरोप लगाया।

पीटीआई के इनपुट के साथ

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