बाबा सिद्दीकी की हत्या में शामिल मुख्य आरोपी शिवकुमार गौतम उर्फ शिव ने एसटीएफ और मुंबई पुलिस की पूछताछ में कई राज उगले हैं। 25 साल से कम उम्र के शिवकुमार ने खुलासा किया है वह बाबा सिद्दीकी को गोलियां मारने के बाद भीड़ भरे इलाके में डेढ़ घंटे तक घटनास्थल के आसपास ही घूमता रहा था।
इस वारदात में बाबा सिद्दीकी को तीन गोलियां लगी थी यह तीनों ही गोलियां शिव कुमार ने चलाई थी। इसके बाद शिव कुमार ने पिस्टल फेंककर टीशर्ट बदल ली थी और घटनास्थल के आसपास ही घूमता रहा, जबकि उसके दो साथी मौके पर ही पकड़े गए थे।
इस हत्याकांड को अंजाम देने के पीछे सबसे बड़ा मकसद बॉलीवुड और मुंबई में दहशत फैलाकर बड़े पैमाने पर गुंडा टैक्स वसूली था। जानकारी के मुताबिक, स्नैप चैट पर लॉरेंस के भाई अनमोल बिश्नोई ने बाबा सिद्दीकी हत्याकांड की साजिश रचने के दौरान शिव कुमार से कहा था कि अगर बाबा सिद्दीकी न मिले तो उसके बेटे जीशान सिद्दीकी को ही उड़ा देना। एसटीएफ व मुंबई स्पेशल क्राइम ब्रांच की पूछताछ में शिव कुमार ने ये बातें बताई हैं। मुंबई पुलिस शिव कुमार समेत रविवार को पकड़े गए पांचों आरोपियों को ट्रांजिट रिमांड पर मुंबई ले गई है।
हत्याकांड से पहले शिव कुमार और अन्य लोगों को 15 से 20 हजार रुपये मिले थे। शूटर्स को हत्याकांड के बाद सिर्फ इंस्टाग्राम पर ही संपर्क करने के निर्देश थे। फरारी के दौरान शिव कुमार ने अपने हैंडलर्स और गैंग के अन्य लोगों से इंस्टाग्राम के जरिए ही संपर्क किया। यह भी तय हुआ था कि सुपारी की रकम के भुगतान की पहली किस्त उज्जैन के महाकाल मंदिर में दी जानी थी। दूसरी किस्त का भुगतान वैष्णो देवी में होना था। लेकिन, वारदात के बाद धर्मराज और गुरमेल के पकड़े जाने से पूरी योजना फेल हो गई।
शिव कुमार ने फरार होने के बाद नेपाल के शमशेरगंज स्थित एक गौशाला में रुकने की व्यवस्था की थी। एसटीएफ द्वारा शिव कुमार के साथ गिरफ्तार किए गए उसके चारों साथी अनुराग कश्यप, ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी, आकाश श्रीवास्तव और अखिलेंद्र प्रताप सिंह को जुलाई 2024 में मोहर्रम के दिन एक किशोरी से छेड़छाड़ के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। किशोरी की मां की तरफ से पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज करवाया गया था। बाद में चारों जमानत पर बाहर आ गए।
मुख्य आरोपी शिवकुमार गौतम को भारत-नेपाल सीमा के बहराइच जिले से गिरफ्तार किया गया है। एसटीएफ और पुलिस को शिव कुमार के खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं मिला है। बहराइच के अलावा मुंबई, पुणे में उसके आपराधिक इतिहास के बारे में जानकारी की जा रही है।
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