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अर्थजगतः जेट एयरवेज का सफर खत्म, रिटेल निवेशकों के पैसे अटके और सोने की कीमतों में गिरावट जारी

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जेट एयरवेज का सफर समाप्त, 1.48 लाख रिटेल निवेशकों के पैसे अटके

जेट एयरवेज की संपत्तियों के बेचने के सुप्रीम कोर्ट के गुरुवार को आए आदेश के बाद 1.48 लाख रिटेल निवेशकों के पैसे कंपनी के शेयर में फंस गए हैं। सितंबर 2024 की शेयर होल्डिंग पैटर्न के मुताबिक, रिटेल निवेशकों के पास कंपनी में करीब 20 प्रतिशत हिस्सेदारी है। जेट एयरवेज का मौजूदा बाजार पूंजीकरण 386.69 करोड़ रुपये है और एयरलाइन में रिटेल निवेशकों की शेयरहोल्डिंग की वैल्यू करीब 75 करोड़ रुपये है। रिटेल निवेशकों के अलावा कंपनी में दूसरे सबसे बड़े हिस्सेदार एतिहाद एयरवेज है, जिसके पास कंपनी में करीब 24 प्रतिशत की शेयरहोल्डिंग है। बाकी की 25 प्रतिशत हिस्सेदारी प्रमोटर्स के पास है। गुरुवार को जेट एयरवेज का शेयर 5 प्रतिशत की गिरावट के साथ लोअर-सर्किट में 34.04 रुपये पर बंद हुआ। मार्च में शेयर ने 63 रुपये का ऑल-टाइम हाई बनाया था। तब से शेयर 46 प्रतिशत गिर चुका है।

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने बंद पड़ी एयरलाइन के स्वामित्व को जालान कलरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) को हस्तांतरित करने के खिलाफ ऋणदाताओं की याचिका को स्वीकार कर लिया। पीठ ने पक्षों के बीच "पूर्ण न्याय करने के लिए" संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी असाधारण शक्तियों का इस्तेमाल किया और तुरंत एक परिसमापक की नियुक्ति का आदेश दिया। इसने जेकेसी द्वारा लगाए गए 200 करोड़ रुपये को जब्त करने का आदेश दिया और ऋणदाताओं को 150 करोड़ रुपये की परफॉर्मेंस बैंक गारंटी (पीबीजी) को भी इन कैश कराने की इजाजत दे दी है। शीर्ष अदालत के समक्ष दायर याचिका में भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाली ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) ने कहा है कि प्रस्तावित पुनरुद्धार योजना ऋणदाताओं के सर्वोत्तम हित में नहीं है और समाधान योजना को कायम रखने का आदेश को लेकर राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) पर सवाल उठाया है। जेट एयरवेज कभी भारत की सबसे बड़ी और सबसे लोकप्रिय एयरलाइनों में से एक थी। वित्तीय संकट के कारण 2019 के अप्रैल में एयरलाइन ने संचालन बंद कर दिया था। इसके बाद जून 2019 में दिवालियापन प्रक्रिया में चली गई थी।

गोल्ड की कीमतों में गिरावट जारी; 76,000 रुपये के करीब पहुंचा भाव

अमेरिकी चुनावों के बाद गोल्ड की कीमतों में गिरावट का दौर जारी है। गुरुवार को एमसीएक्स पर गोल्ड का दिसंबर का फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट 0.37 प्रतिशत की गिरावट के साथ 76,369 रुपये प्रति 10 ग्राम पर खुला। वहीं, चांदी का दिसंबर फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट 0.24 प्रतिशत की मंदी के साथ 90,601 रुपये प्रति किलो पर खुला। अमेरिकी चुनावों में ट्रंप की जीत के बाद पिछले दो दिनों में गोल्ड के दाम 2,100 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी की कीमतें 4,050 रुपये प्रति किलो तक गिर गए हैं। इंडियन बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के मुताबिक, 24 कैरेट गोल्ड का दाम 76,570 रुपये प्रति 10 ग्राम, 22 कैरेट गोल्ड का दाम 74,720 रुपये प्रति 10 ग्राम, 20 कैरेट गोल्ड का दाम 68,130 रुपये प्रति 10 ग्राम और 18 कैरेट गोल्ड का दाम 62,201 रुपये प्रति 10 ग्राम है।

जेएम फाइनेंसियल सर्विसेज लिमिटेड के ईबीजी- कमोडिटी एंड करेंसी रिसर्च, प्रणव मेर का कहना है कि गोल्ड और अन्य कमोडिटी में गिरावट देखने को मिली है। इसकी वजह अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत होना है, जिसके कारण अमेरिकी डॉलर मजबूत हुआ है। हालांकि, सपोर्ट लेवल पर होने के कारण नुकसान की भरपाई हुई है। अब बाजार का फोकस अमेरिकी फेड के पॉलिसी के निर्णय पर है। आगे कहा, "चार्ट पर गोल्ड की कीमतें एमसीएक्स पर 77,500 रुपये रुपये प्रति 10 ग्राम और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 2,700 डॉलर प्रति औंस के महत्वपूर्ण सपोर्ट लेवल पर पहुंच गई हैं। हम केवल तभी अधिक सुधार की उम्मीद करते हैं जब दिए गए सपोर्ट लेवल नहीं टूटता है और कायम रहता है।

एलकेपी सिक्योरिटीज में वीपी रिसर्च एनालिस्ट- कमोडिटी एंड करेंसी, जतीन त्रिवेदी का कहना है कि सोने की कीमतों में उथल-पुथल देखी जा रही है। फिलहाल यह 78,500 रुपये से लेकर 77,500 रुपये प्रति 10 ग्राम के बीच बनी हुई है। अमेरिकी चुनाव के नतीजों से डॉलर इंडेक्स मजबूत होकर 105 पर पहुंच गया है। इसके कारण सोना 77,500 रुपये प्रति 10 ग्राम और 2,700 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया है। त्रिवेदी ने आगे कहा कि सोने की कीमतें ओवरसोल्ड जोन में चली गई हैं, जिसके कारण इसमें 2,700 डॉलर से लेकर 2,725 डॉलर तक की रिकवरी देखने को मिली। रिकवरी के बाद भी मंदी का रुझान बना हुआ है और 2,740 डॉलर और 2,680 डॉलर एक रुकावट का स्तर है।

भारतीय शेयर बाजार लाल निशान में बंद, सेंसेक्स 849 अंक गिरा

भारतीय शेयर बाजार गुरुवार के कारोबारी दिन लाल निशान में बंद हुआ। कारोबार के अंत में पीएसयू बैंक को छोड़कर सभी सेक्टर में भारी बिकवाली रही। भारतीय बेंचमार्क सूचकांक 1 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट में बंद हुए हैं। सेंसेक्स कारोबार के अंत में 836 अंक या 1.04 प्रतिशत गिरकर 79,541.79 पर आ गया। वहीं, दूसरी ओर निफ्टी 284.70 अंक या 1.16 प्रतिशत की गिरावट के बाद 24,199.35 पर आ गया। निफ्टी बैंक 400.90 अंक या 0.77 प्रतिशत गिरने के बाद 51,916.50 पर आ गया। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स कारोबार के अंत में 246.65 अंक या 0.43 प्रतिशत गिरने के बाद 57,916.50 पर बंद हुआ। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 142.25 अंक या 0.75 प्रतिशत गिरने के बाद 18,763.85 पर बंद हुआ। निफ्टी के मेटल सेक्टर में भारी बिकवाली रही।

इसके अलावा, ऑटो, फार्मा, रियल्टी, एनर्जी और इंफ्रा सेक्टर में 1 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट हुई। आईटी, फाइनेंशियल सर्विस, एफएमसीजी, मीडिया, प्राइवेट बैंक, कमोडिटीज, पीएसई और हेल्थकेयर सेक्टर भी लाल निशान पर कारोबार करते हुए बंद हुए। सेंसेक्स पैक में टेक महिंद्रा, टाटा मोटर्स, अल्ट्राटेक सीमेंट, जेएसडब्ल्यू स्टील, सन फार्मा, एशियन पेंट्स, इंडसइंड बैंक, टाइटन, टाटा स्टील, आईसीआईसीआई बैंक और पावर ग्रिड टॉप लूजर्स रहे। एसबीआई टॉप गेनर्स की लिस्ट में रहा। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर 1,825 शेयर हरे, 2,129 शेयर लाल निशान पर कारोबार कर रहे थे। वहीं, 99 शेयर में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं रहा। बाजार के जानकारों के अनुसार, रुपया 0.04 की गिरावट के साथ 84.36 पर कमजोर होकर कारोबार कर रहा था। डॉलर इंडेक्स 104.50 के आसपास स्थिर रहा, जिससे निवेशकों में मजबूती बनी रही क्योंकि फेडरल रिजर्व की अहम बैठक से पहले निवेशकों ने खुद को तैयार कर लिया।

भारत में 5,113 करोड़ रुपये निवेश करेगा डॉयचे बैंक

जर्मन ऋणदाता डॉयचे बैंक ने भारत में अपने परिचालन को मजबूत करने के लिए 5,113 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी निवेश करने की घोषणा की है। डॉयचे बैंक के बयान के अनुसार, यह हाल के वर्षों में भारत को दिया गया सबसे बड़ा पूंजी आवंटन है और इसका उपयोग कॉर्पोरेट बैंकिंग, निवेश बैंकिंग और निजी बैंकिंग में कारोबार बढ़ाने के लिए किया जाएगा। भारत में 45 वर्षों से परिचालन कर रहे बैंक ने 31 मार्च, 2024 तक 1.45 लाख करोड़ रुपये की बैलेंस शीट की रिपोर्ट की है। हाल ही में किया गया पूंजी निवेश 2023 के स्तर से 33% की वृद्धि दर्शाता है, जिससे डॉयचे बैंक एजी इंडिया शाखाओं की नियामक पूंजी लगभग 30,000 करोड़ रुपये हो गई है। पिछले एक दशक में यह पूंजी तीन गुना हो गई है। बैंक का ध्यान सप्लाई चेन में बदलाव और डिजिटलीकरण जैसे वैश्विक रुझानों के बीच भारत की अनुकूल स्थिति का लाभ उठाने पर है।

एशिया प्रशांत और अन्य क्षेत्रों के सीईओ अलेक्जेंडर वॉन ज़ुर म्यूलेन ने कहा, "हम भारत में अपार संभावनाएं देखते हैं।" डॉयचे बैंक भारत को तेजी से विकास करता महत्वपूर्ण बाजार मानता है। बैंक डिजिटल परिवर्तन, सस्टेनेबल फाइनेंस, टेक्नोलॉजी और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में भारत के विकास का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है। इंडिया सीईओ कौशिक शपारिया के मुताबिक ये पूंजी निवेश भारत के व्यापार मॉडल और क्षमता के प्रति विश्वास को दर्शाता है। पूंजी निवेश केवल भारत में डॉयचे बैंक की शाखाओं के लिए निर्धारित है और इसमें देश के भीतर संचालित अन्य संस्थाएं शामिल नहीं हैं। इससे पहले, बैंक ने 2020 में 2,700 करोड़ रुपये और 2019 में 3,800 करोड़ रुपये निवेश किए थे। कंपनी के बयान के अनुसार, ये निवेश भारत के लिए डॉयचे बैंक की निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। डॉयचे बैंक ने 2023-24 में 1,977 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था, जो 2023-24 के इसी आंकड़े से 35 प्रतिशत की उछाल दर्शाता है। बैंक भारत में 17 शाखाओं के माध्यम से काम करता है और देश के सबसे बड़े विदेशी बैंकों में से एक है।

फिजिक्स वाला का घाटा 346 प्रतिशत बढ़कर 375 करोड़ रुपये रहा

एडटेक कंपनी फिजिक्स वाला का घाटा वित्त वर्ष 2023-24 में 346 प्रतिशत बढ़कर 375 करोड़ रुपये हो गया। वित्त वर्ष 2022-23 में उसे 84 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। कम्पल्सरी कन्वर्टिबल प्रेफरेंशियल शेयर्स (सीसीपीएस) के फेयर वैल्यू में 756 करोड़ रुपये के नुकसान को मिला दिया जाए तो वित्त वर्ष 2023-24 में फिजिक्स वाला को 1,131 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के पास जमा किए गए वित्तीय विवरण के मुताबिक, अगर इस गैर-नकद घटक को हटा दिया जाए तो पिछले वित्त वर्ष में कंपनी को 375 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। वित्त वर्ष 2023-24 में फिजिक्स वाला का परिचालन राजस्व 1,940 करोड़ रुपये रहा, जो वित्त वर्ष 2022-23 में 744.3 करोड़ रुपये था। इस प्रकार यह 2.6 गुना हो गया है। एडटेक कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष में अपने कुल व्यय में से 35.3 प्रतिशत (1,159 करोड़ रुपये) कर्मचारियों के वेतन, भत्ता तथा अन्य लाभ पर खर्च किए। यह वित्त वर्ष 2022-23 के 412.6 करोड़ रुपये की तुलना में 181 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।

अलख पांडे और प्रतीक माहेश्वरी द्वारा स्थापित एडटेक यूनिकॉर्न ने सीरीज बी फंडिंग राउंड में 2.8 अरब डॉलर के वैल्यूएशन पर 21 करोड़ डॉलर का फंड जुटाया है। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व हॉर्नबिल कैपिटल ने किया था, जिसमें लाइटस्पीड वेंचर पार्टनर्स और मौजूदा निवेशकों जीएसवी और वेस्टब्रिज की महत्वपूर्ण भागीदारी थी। फिजिक्स वाला (पीडब्ल्यू) हर हफ्ते 9,500 घंटे की शैक्षणिक सामग्री तैयार करता है। माहेश्वरी ने कहा, "वित्त वर्ष 2024-25 में पीडब्लू समूह सबसे बड़े मुनाफे की तरफ बढ़ रहा है।" फिजिक्स वाला की स्थापना 2020 में हुई थी। फिजिक्स वाला जेईई, एनईईटी, अन्य इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं और राज्य बोर्ड परीक्षाओं के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों पाठ्यक्रम और अध्ययन सामग्री प्रदान करता है। कंपनी के डिविजन स्किल डेवलपमेंट, उच्च शिक्षा और विदेश में शिक्षा के अवसरों पर भी केंद्रित हैं। कंपनी पांच स्थानीय भाषाओं में अपने 112 यूट्यूब चैनलों के माध्यम से 4.6 करोड़ से अधिक छात्रों को सेवा प्रदान करती है।

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