उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने देश में विनियमन की लागत पता करने के लिए सर्वेक्षण एजेंसियों की नियुक्ति का प्रस्ताव रखा है।
विभाग कारोबारी सुगमता को बेहतर करने के लिए राज्यों में विनियमन की लागत का आकलन करने के लिए एक कवायद कर रहा है।
इस संदर्भ में जारी ‘अनुरोध प्रस्ताव’ (आरएफपी) के मुताबिक, डीपीआईआईटी ने देशभर में सरकारी विभागों द्वारा निर्धारित कई अनुपालन जरूरतों से संबंधित प्रशासनिक लागत के बोझ को मापने का प्रस्ताव रखा है।
विभाग ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य भारत के सभी राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों में चिह्नित सेवाओं से संबंधित उद्योग उपयोगकर्ताओं, मध्यस्थों और साक्षात्कार विशेषज्ञों का सर्वेक्षण करना है।
आरएफपी में कहा गया है कि डीपीआईआईटी इस पहल में सहायता के लिए पात्र सर्वे एजेंसियों की सेवाएं लेना चाहता है। इच्छुक आवेदकों से 30 सितंबर तक सरकारी ऑनलाइन खरीद मंच जीईएम पर आरएफपी पर अपनी प्रतिक्रियाएं देने को कहा गया है।
विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि इसके माध्यम से राज्यों को उन सुधारों की जानकारी मिलेगी जो वे उद्योग के लिए कारोबारी माहौल को बेहतर बनाने के लिए ला सकते हैं।
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