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Chhath Puja 2024: छठी मईया कौन हैं, जानें इनकी शक्तियां और किस देवी के रूप में होती है पूजा

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चार दिवसीय छठ पर्व की शुरुआत हो चुकी है। कार्तिक मास की अमावस्या को दिवाली के 6 दिन बाद शुरू होने वाले कार्तिक शुक्ल की षष्ठी को छठ पर्व के नाम से जाना जाता है। छठ पूजा में छठी मैया और सूर्यदेव की आराधना की जाती है। पौराणिक मान्यता है कि सूर्य के बिना धरती पर जीवन संभव नहीं है। इसी कारण सूर्यदेव को अर्घ्य देकर उन्हें जीवन के प्रदान करने के लिए उनका आभार व्यक्त किया जाता है। साथ ही छठी मैया को परिवार की खुशहाली और संतान की दीर्घायु के लिए पूजा जाता है। आइए, जानते हैं छठी मैया कौन हैं। छठी मईया कौन हैमार्कण्डेय पुराण में बताया गया है कि सृष्टि की रचना करने वाली देवी प्रकृति ने खुद को छह भागों में बांट लिया था। इनमें से छठा भाग सबसे महत्वपूर्ण है, जिसे हम सर्वश्रेष्ठ मातृदेवी के रूप में जानते हैं। यह देवी, ब्रह्मा जी की मानस पुत्री हैं। मार्कण्डेय पुराण के अनुसार, इनके छठे अंश को सर्वश्रेष्ठ मातृदेवी के रूप में जाना जाता है, जो छठी मईया के नाम से प्रसिद्ध हैं। सूर्यदेव की बहन है छठी मईयाछठी मईया को सूर्यदेव की बहन माना जाता है। इस कारण से छठ पूजा में दोनों भाई-बहन यानी सूर्यदेव और छठी मईया की पूजा की जाती है। छठी मैया को देवसेना भी कहते हैं। छठ माता नवजात शिशुओं के जन्म के बाद 6 दिन तक उनके पास रहती हैं। वह शिशुओं की रक्षा करती हैं। बच्चों के लालन-पालन की देवी है छठी मईयाकार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी को बच्चों की रक्षा करने वाली देवी की पूजा की जाती है। यह पूजा शिशु के जन्म के छह दिन बाद भी होती है। इनकी पूजा से बच्चे को स्वास्थ्य, सफलता और लंबी उम्र का आशीर्वाद मिलता है। छठी मईया को कात्यायनी नाम से भी जाना जाता है। नवरात्रि के दौरान षष्ठी तिथि को इनकी पूजा की जाती है। मां कात्यायनी बच्चों की रक्षा करती हैं और उन्हें स्वास्थ्य, सफलता और दीर्घायु का आशीर्वाद देती हैं।
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