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वजाइना में घाव या इंफेक्शन है तो ब्लड टेस्ट कराएं, कहीं ये डायबिटीज का संकेत तो नहीं

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40 की उम्र के बाद यानी मेनोपॉज के दौरान महिलाओं के शरीर में कई बदलाव आते हैं। मेनोपॉज के बाद महिलाओं में डायबिटीज, थायराइड, दिल की बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है। महिलाओं की यह उम्र बड़ी नाजुक होती है इसलिए शरीर में आ रहे बदलावों पर नजर रखना बेहद जरूरी है।

महिलाओं के शरीर पर हार्मोन का असर हर उम्र में होता है। पीरियड्स शुरू होने से लेकर प्रेग्नेंसी, डिलीवरी के बाद और मेनोपॉज के दौरान भी हार्मोन्स के कारण महिलाओं के शरीर में कई बदलाव आते हैं। आमतौर पर 50 से 55 की उम्र में महिलाओं को मेनोपॉज होता है। ये वो उम्र होती है जब महिलाओं को कई शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक समस्याओं से गुजरना पड़ता है।

डायबिटीज का महिला के वजाइनल हेल्थ और सेक्शुअल रिलेशन पर क्या असर पड़ता है इसके बारे में बता रही हैं गुरुग्राम के मदरहुड हॉस्पिटल की ओब्स्टेट्रिशियन और गायनेकोलॉजिस्ट डॉ सोनल सिंघल
डायबिटीज का फिजिकल रिलेशन पर असर image

मेनोपॉज का असर महिलाओं के फिजिकल रिलेशन पर भी पड़ता है। शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन कम होने के कारण महिलाओं में लिबिडो की कमी होने लगती है यानी उनकी फिजिकल रिलेशन बनाने की इच्छा कम हो जाती है। लेकिन कई बार सेक्शुअल रिलेशन की इच्छा न होने का कारण डायबिटीज भी हो सकती है। अगर महिला के शरीर में शुगर लेवल ज्यादा है तो उसकी फिजिकल रिलेशन की इच्छा नहीं होती। संबंध बनाते समय उसे वाजाइना में घाव हो सकता है या वजाइनल इंफेक्शन भी हो सकता है।


वजाइनल इंफेक्शन में ब्लड टेस्ट कब जरूरी? image

40 की उम्र में अगर महिला को बार-बार सर्वाइकल इरोजन, वजाइनल डिस्चार्ज, इंफेक्शन या घाव हो तो उसे अपना ब्लड टेस्ट कराना चाहिए। अगर डायबिटीज के कारण ये समस्याएं हो रही हैं तो इंफेक्शन के साथ साथ डायबिटीज का ट्रीटमेंट भी शुरू कर दें। शुगर लेवल कंट्रोल में होने पर ये समस्याएं भी ठीक हो जाती हैं।


एस्ट्रोजन की कमी का फिजिकल रिलेशन पर असर image

मेनोपॉज के बाद काई महिलाओं को फिजिकल रिलेशन के दौरान बार बार वजाइना में घाव या दर्द होता है। इसकी वजह शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी है। एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी के कारण वजाइना और उसके आसपास की मसल्स की इलास्टिसिटी कम हो जाती है। ड्राइनेस के कारण महिला को संबंध बनाते समय दर्द या घाव हो सकता है। ऐसी स्थिति में महिलाएं एक्सपर्ट की सलाह पर लुब्रिकेंट का इस्तेमाल कर सकती हैं। मेनोपॉज के बाद लुब्रिकेंट न होने से वजाइना में घाव हो सकता है। लेकिन इस उम्र में लापरवाही सही नहीं। अगर महिला को बार-बार वाजाइना में घाव या इंफेक्शन हो रहा है तो इसकी वजह डायबिटीज हो सकती है। शुगर लेवल बढ़ने से भी वजाइना में घाव हो सकता है। इसके लिए महिला का ब्लड टेस्ट कराना जरूरी है। डायबिटीज का इलाज कराने पर वजाइना में घाव या दर्द ठीक हो जाता है।


वजाइनल इंफेक्शन का डायबिटीज से कनेक्शन image

कई महिलाएं जब वजाइना के घाव का इलाज कराने डॉक्टर के पास जाती हैं तब पता चलता है कि उन्हें डायबिटीज है। जो महिलाएं डायबिटीज के इलाज में लापरवाही करती हैं उनकी समस्या जल्दी ठीक नहीं हो पाती। ऐसे में महिलाओं को चाहिए कि अपना शुगर लेवल कंट्रोल में रखें ताकि इसका असर उनके फिजिकल रिलेशन पर न पड़े।


40 के बाद सेहत के प्रति सजग रहें image

महिलाएं अपनी सेहत को लेकर बहुत लापरवाह होती हैं। जब तक तकलीफ बहुत ज्यादा न बढ़ जाए तब तक वो अपनी समस्या का जिक्र पति या परिवार से नहीं करतीं। इसकी वजह से कई बार समस्या इतनी बढ़ जाती है कि महिलाओं को इसके लिए बहुत तकलीफ झेलनी पड़ती है। महिलाओं को खासकर मेनोपॉज के बाद अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इस समय महिलाओं के शरीर में हार्मोन्स का असंतुलन बहुत ज्यादा होता है। इसके कारण उन्हें कई तरह की शारीरिक और मानसिक समस्याएं होती हैं। हेल्दी डाइट और सही लाइफस्टाइल से महिलाएं मेनोपॉज के बाद भी हेल्दी और फिट रह सकती हैं। डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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