Politics
Next Story
NewsPoint

केजरीवाल ने नहीं निभाया गठबंधन धर्म... कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने AAP पर लगाए कई आरोप, पढ़िए पूरा इंटरव्यू

Send Push
नई दिल्ली: दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन के दो दल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच मनमुटाव उभर कर सामने आने लगा है। कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने एक इंटरव्यू में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर कई आरोप लगाए हैं। साथ ही उन्होंने दिल्ली चुनावों में कांग्रेस पार्टी की रणनीतियों, राज्य में कांग्रेस पार्टी के मुख्यमंत्री पद के दावेदार और महाराष्ट्र में शिवसेना यूबीटी के साथ गठबंधन समेत तमाम सवालों पर खुलकर बात की।
  • दिल्ली के चुनावों में आपको क्या उम्मीद है?अबकी बार, अगले साल फरवरी में दिल्ली में चुनाव होंगे। पिछले दो चुनावों से आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के खिलाफ एक माहौल बना रखा था, और कांग्रेस के कई नेता आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए थे। इसके साथ ही, सस्ती बिजली, पानी, मुफ्त बस सेवाओं जैसी योजनाओं ने जनता को आकर्षित किया, इससे कांग्रेस का सारा वोट बैंक आम आदमी पार्टी में चला गया। लेकिन हम बार-बार यह कहते रहे कि दिल्ली एक बेहतरीन शहर है, जहां बुनियादी सुविधाओं की बहुत जरूरत है। इसके लिए बहुत पैसा खर्च करना होगा, जैसे कि सीवर सिस्टम, नई सड़कों, नई मेट्रो, नई बसों, स्‍वच्‍छ हवा, बेरोजगारी की समस्या का समाधान, और हरियाली बढ़ानी है। इन सबके लिए हमें पैसा खर्च करना होगा। अगर मुफ्त में बांटते रहेंगे, तो दिल्ली का विकास नहीं हो पाएगा। 10 साल बाद, आज यह बात साबित हो गया है। आज दिल्ली परेशान है, इसलिए दिल्ली का आम नागर‍िक, जो पहले कांग्रेस को छोड़कर अन्य पार्टियों में गया था, अब कांग्रेस की ओर वापस देख रहा है। वह द‍िल्‍ली के ल‍िए क‍िए गए कांग्रेस के काम को याद कर रहा व महसूस कर रहा है। अगर हम इसे वोट में तब्दील कर पाए तो, मुझे विश्वास है कि फरवरी के चुनाव में कांग्रेस नंबर एक पार्टी बनकर उभरेगी।
  • क्या दिल्ली में भ्रष्टाचार आपके लिए सबसे बड़ा मुद्दा है? भ्रष्टाचार इसलिए बड़ा मुद्दा है, क्योंकि आम आदमी पार्टी हमेशा ईमानदारी की बात करती रही है। शुरू में, उन्होंने कांग्रेस के नेताओं पर कई आरोप लगाए थे, लेकिन अब यह साबित हो गया है कि उनके आरोप बेबुनियाद थे और वे झूठ बोल रहे थे। जो पार्टी झूठ बोलकर शुरू होती है, उस पर विश्वास करना मुश्किल है। उनके बचाव में जो बातें हो रही हैं, उन पर भी विश्वास नहीं किया जा सकता। जहां तक उनके भ्रष्टाचार की बात है, तो यह स्पष्ट है कि दाल में कुछ नहीं, बल्कि पूरी दाल ही काली है, और जब विकास की बात आती है, तो वह तो हुआ ही नहीं है। हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनके विकास कार्यों पर सवाल उठाएं और उनके भ्रष्टाचार पर भी सवाल करें, जो बार-बार सामने आता है।
  • अरविंद केजरीवाल का सीएम पद छोड़कर अपनी जगह आतिशी को सीएम बना देना, क्या यह AAP को बचा पाएगा?सुप्रीम कोर्ट ने जब कहा कि आप फाइलों पर साइन नहीं कर सकते, न ही आप दफ्तर जा सकते हैं, तो मुख्यमंत्री को क्या करना था? वह ढोल बजाएंगे? वह मुख्यमंत्री इसलिए बने थे, ताकि फाइलों की हेराफेरी कर सकें और टेंडर पास कर सकें, लेकिन जब यह काम भी नहीं कर सकते, तो उन्होंने अपनी जगह आतिशी को मुख्यमंत्री बना दिया। आम आदमी पार्टी के नेता खुद कहते हैं कि हमारी सबसे कमजोर नेता को मुख्यमंत्री बना दिया, जो कभी भी केजरीवाल को चुनौती नहीं दे सकती थीं। चाहे केजरीवाल हों या आतिशी, चेहरा तो वही रहेगा। केजरीवाल की नाकामी और भ्रष्टाचार के सवाल जीवित रहेंगे, चाहे वह मुख्यमंत्री पद पर हों या नहीं।
  • कई बार आपके नेताओं ने अरविंद केजरीवाल का साथ दिया, उनके लिए आवाज उठाई, क्या यह पार्टी के लिए नुकसानदायक रहा?जवाब : हां, हमने आवाज उठाई थी कि उन्हें बेल मिलनी चाहिए, और मैं इसका समर्थन करता हूं। किसी भी कानून के तहत, यदि कोई व्यक्ति पुलिस कस्टडी में है, तो उसे तभी जेल भेजा जाना चाहिए, जब आरोप सिद्ध हो। अभी तक आरोप सिद्ध नहीं हुए हैं, इसलिए हम हमेशा बेल के पक्ष में रहे हैं। चाहे वह अरविंद केजरीवाल हों, हेमंत सोरेन हों, या कांग्रेस के कोई नेता हों, हम हमेशा बेल के समर्थन में खड़े रहे हैं। लेकिन हमने यह कभी नहीं कहा कि केजरीवाल निर्दोष हैं या भ्रष्टाचार से मुक्त हैं। यह अदालत तय करेगी।
  • क्या राहुल गांधी ने केजरीवाल के लिए ज्यादा दरियादिली दिखाई? क्या केजरीवाल इस दरियादिली के हकदार नहीं थे? राहुल गांधी एक बड़े दिल के व्यक्ति हैं, और जब भी अधिकारों की बात होती है, तो वह हमेशा कानून के साथ खड़े रहते हैं। जब किसी को गलत तरीके से जेल में रखा जाता है, तो राहुल गांधी उसका समर्थन करते हैं। वह कभी नहीं कहते कि कोई निर्दोष है, बल्कि कहते हैं कि यह मामला अदालत में है। राहुल गांधी ने हमेशा गठबंधन धर्म निभाया है, जबकि केजरीवाल ने कभी गठबंधन धर्म नहीं निभाया। जब कांग्रेस के नेताओं को ईडी द्वारा बुलाया गया, तब केजरीवाल ने कुछ नहीं कहा। जब हमारे विधायक डराकर और धमकाकर जेल भेजे गए, तब भी उन्होंने कुछ नहीं कहा। आप कहते हैं कि आप गठबंधन में हैं, लेकिन हमारे नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल कर लेते हैं, तो फिर गठबंधन धर्म को कौन नहीं निभाता?
  • अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो क्या सीएम बनना चाहेंगे?सीएम का फैसला हमारे यहां हमेशा पार्टी नेतृत्व तय करता है। विधानसभा के चुनाव के बाद ही यह निर्णय लिया जाएगा कि कौन मुख्यमंत्री बनेगा।
  • क्या कांग्रेस को सीएम उम्मीदवार घोषित कर चुनाव लड़ना चाहिए?कांग्रेस ने कभी भी सीएम उम्मीदवार घोषित नहीं किया है, लेकिन जब कोई मौजूदा मुख्यमंत्री होता है और उसका काम अच्छा होता है, तो हम उसे उम्मीदवार के तौर पर पेश करते हैं, जैसे अमरिंदर सिंह या शीला दीक्षित। लेकिन आम तौर पर हम सीएम उम्मीदवार का नाम पहले से घोषित नहीं करते हैं, क्योंकि यह प्रक्रिया हमारे संविधान के मुताबिक नहीं है। हमारे लोकतंत्र में यह तय करना विधायक का अधिकार होता है कि वह क‍िसे नेता चुनते हैं।
  • क्या उद्धव ठाकरे जैसे नेताओं का साथ लेना कांग्रेस के लिए सही कदम है? देखिए, उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र में एक बड़े नेता हैं और शिवसेना का एक प्रभाव रहा है। हालांकि, शिवसेना का इतिहास कांग्रेस की मूल परंपरा के खिलाफ था, लेकिन हम चाहते हैं कि एक सेकुलर हिंदुस्तान बने, जहां भाईचारे और सामाजिक समरसता का माहौल हो। इसलिए हम कदम उठाने में विश्वास करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि हम देशहित के लिए काम करें। हम चाहते हैं कि शिवसेना और कांग्रेस के बीच अच्छे संबंध हों, और उद्धव ठाकरे के कार्यकाल की सराहना की जा रही है, इससे हमारे बीच सकारात्मक असर पड़ा है।
  • Explore more on Newspoint
    Loving Newspoint? Download the app now