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फीमेल्स को खुद नहीं अहसास! पीरियड में दिमाग बन जाता है सुपर कंप्यूटर- स्टडी का खुलासा

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अगर किसी महिला से पीरियड के बारे में पूछा जाए तो वह इसे असहजता, कमजोरी, थकान, कमर दर्द, ब्लड स्पॉटिंग, मूड स्विंग, चेहरे पर मुंहासे, पेट में ऐंठन जैसे लक्षणों से परिभाषित करेगी। लेकिन वास्तव में हर महीने आने वाले इस पीरियड से सिर्फ परेशानी ही नहीं बल्कि एक जबरदस्त फायदा भी मिलता है।

न्यूरोसाइकोलॉजिया जर्नल में प्रकाशित स्टडी ( Ref) में सामने आया है कि पीरियड के दौरान महिलाओं की सोचने-समझने की क्षमता में बढ़ जाती है। इस स्टडी की मदद से यह पता चलता है कि महिलाएं अपने पीरियड के दिनों में कम गलतियों के साथ जल्दी रिएक्शन देती हैं, बावजूद इसके की वह इन दिनों एनर्जेटिक नहीं महसूस कर रही होती हैं।
क्या है स्टडी image

यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन एंड द इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट, एक्सरसाइज एंड हेल्थ के शोधकर्ताओं ने 241 महिलाओं पर यह स्टडी की। इन महिलाओं ने अपने मेंस्ट्रूएशन में 14 दिन के गैप में कई तरह के कॉग्निटिव टेस्ट दिए। शोधकर्ताओं ने यह जानने के लिए पीरियड-ट्रैकिंग ऐप्स का उपयोग किया कि महिलाएं किस साइकिल में थीं।(फोटो- Freepik)


ऐसे लिए गए टेस्ट image

टेस्ट में से एक में महिलाओं को मुस्कुराते और विंक करते चेहरों को दिखाया गया। उन्हें केवल मुस्कुराते चेहरे पर स्पेस बार दबाना था। इससे उनके फोकस, रिएक्ट करने के समय और सटीकता की पता लगाया गया।

दूसरे टेस्ट में, उन्हें 3D घुमाव में आईने की छवियों की पहचान करनी थी। हालांकि महिलाओं ने टेस्ट से पहले बताया था कि वह पीरियड के दौरान बुरा महसूस करती हैं, जिसके कारण वह अच्छा परफॉर्म नहीं कर पाएंगी।

लेकिन वास्तव में उनका परफॉर्मेंस चौंकाने वाला था। इसके विपरीत, ल्यूटल चरण (ओव्यूलेशन के बाद का चरण) में उनकी प्रतिक्रिया धीमी थी।(फोटो- Freepik)


क्या है इसका कारण image

एक्सपर्ट डॉ. फ्लामिनिया रोंका बताती हैं कि महिलाओं के चक्र के दौरान हार्मोन का उतार-चढ़ाव होता है। प्रोजेस्टेरोन ल्यूटल फेस में पीक पर होता है और पीरियड के दौरान कम हो जाता है।

ऐसे में हो सकता है कि इसी कारण से महिलाएं अपने पीरियड के दौरान ज्यादा स्मार्ट तरीके से काम कर पाती हैं। रोंका का कहना है कि प्रोजेस्टेरोन सेरेब्रल कॉर्टेक्स के साथ गड़बड़ करता है, जो याददाश्त, सोच, सीखने, तर्क, समस्या-समाधान, भावना और चेतना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

ऐसे में पीरियड में इसका लेवल कम होते ही ब्रेन बेहतर तरीके से काम करने की स्थिति में होता है।(फोटो- Freepik)


ल्यूटल फेस में महिलाएं होती हैं कमजोर image

यह स्टडी वास्तव में पिछले स्पोर्ट्स मेडिसिन रिसर्च से प्रेरित था जिसमें पाया गया था कि जब महिलाएं ल्यूटियल फेस (ओव्यूलेशन और आपके मासिक धर्म के बीच का स

मय) में होती हैं तो उन्हें स्पोर्ट इंजरी का अधिक खतरा होता है। रोन्का का कहना है कि यह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है कि ऐसा क्यों होता है, लेकिन यह साइकिल के दौरान होने वाले हार्मोनल परिवर्तनों से जुड़ा हो सकता है।(फोटो- Freepik)


लो फील करने से परफॉर्मेंस का कोई कनेक्शन नहीं image

महिलाएं जब अपने सबसे खराब समय में भी होती हैं, तब भी वे बेहतर प्रदर्शन कर सकती हैं। डॉ. रोंका कहती हैं कि आपका खराब महसूस करना आपके प्रदर्शन को निर्धारित नहीं करता, खासकर संज्ञानात्मक स्तर पर। यह स्टडी यह साबित करता है कि पीरियड के दौरान महिलाएं अपनी मानसिक क्षमताओं में अधिक सक्षम हो सकती हैं।(फोटो- Freepik)

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