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25 लाख रुपए मिलेगा मुआवजा, स्पेशल टास्क फोर्स... हाथियों की मौत के बाद मोहन सरकार ने उठाए बड़े कदम

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भोपाल: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 10 हाथियों की मौत के बाद सरकार सख्त है। मुख्यमंत्री मोहन यादव खुद ही इस मामले में पर नजर रख रहे हैं। अधिकारियों और एक्सपर्ट के साथ सीएम ने दो मीटिंग की है। इस मीटिंग में कई बड़े फैसले लिए गए हैं। अब हाथियों के हमले में ग्रामीणों की मौत पर 25 लाख रुपए का मुआवजा मिलेगा। साथ ही हाथी टास्क फोर्स का गठन किया गया है। इसके साथ ही सीएम ने एमपी में हाथी मित्र बनाने के निर्देश दिए हैं। सोलर फेंसिंग होगीमोहन यादव ने घटना के बाद हाथी टास्क फोर्स गठन के निर्देश दिए हैं। हाथी- मानव सह अस्तित्व सुनिश्चित करने के लिए हाथी मित्र बनाए जाएंगे। वहीं, जिन क्षेत्रों में हाथियों की आवाजाही अधिक है, वहां किसानों की फसलों को बचाने के लिए सोलर फेंसिंग की व्यवस्था होगी। सीएम मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में आने वाले समय में ऐसे वन क्षेत्र विकसित किए जाएंगे, जिसमें हाथियों की बसाहट के साथ सह अस्तित्व की भावना मजबूत हो सके। अलर्ट पर रहें वन अधिकारीसीएम यादव ने कहा है कि प्रदेश में उमरिया जिले के वन क्षेत्र में पिछले दिनों 10 हाथियों की अलग-अलग दिन हुई मृत्यु की घटना दुखद एवं दर्दनाक है। इसे सरकार ने गंभीरता से लिया है। वन राज्य मंत्री सहित वरिष्ठ अधिकारियों के दल ने क्षेत्र का भ्रमण किया है। प्रारंभिक रिपोर्ट में कोई कीटनाशक नहीं पाया गया है। पोस्ट मार्टम की विस्तृत रिपोर्ट आना शेष है। हाथियों के बड़े दल के रूप में आने की घटना गत दो तीन वर्ष में एक नया अनुभव भी है। उमरिया और सीधी जिले में बड़ी संख्या में हाथियों की मौजूदगी दिख रही है। उन इलाके में वन अमला अलर्ट पर रहे। दो अधिकारियों की छुट्टीमुख्यमंत्री ने कहा कि हाथियों की मृत्यु की इतनी बड़ी घटना के समय फील्ड डायरेक्टर का छुट्टी वापस नहीं आना और पूर्व में हाथियों के दल आने के संदर्भ में जो आवश्यक चिंता की जाना चाहिए, वह नहीं की गई। इस लापरवाही के लिए फील्ड डायरेक्टर गौरव चौधरी को सस्पेंड किया गया है। साथ ही प्रभारी एसीएफ फतेहसिंह निनामा को भी निलंबित किया गया है। कर्नाटक, केरल और असम जाएंगे अधिकारीउन्होंने कहा कि बांधवगढ़ क्षेत्र और अन्य वन क्षेत्रों में हाथियों के रहने की अनुकूल और आकर्षक स्थिति है। वन क्षेत्रों का प्रबंधन उत्तम होने से हाथियों के दल जो छत्तीसगढ़ एवं अन्य राज्यों से आया करते थे और वापस चले जाते थे। वे अब वापस नहीं जा रहे हैं। यहां बड़े पैमाने पर हाथियों द्वारा डेरा डालने की स्थिति देखी जा रही है। यह मध्यप्रदेश की वन विभाग की गतिविधियों का हिस्सा बन गए हैं। हाथियों को लेकर स्थायी प्रबंधन होमोहन यादव ने कहा कि ऐसे में हाथियों की आवाजाही को देखते हुए स्वाभाविक रूप से स्थाई प्रबंधन के लिए शासन के स्तर पर हाथी टास्क फोर्स बनाने का निर्णय लिया जा रहा है। हाथियों को अन्य वन्य प्राणियों के साथ किस तरह रहवास की सावधानियां रखना चाहिए, इसके लिए योजना बनाई जा रही है। इसमें कर्नाटक, केरल और असम जैसे राज्यों की बेस्ट प्रैक्टिसेस को शामिल किया जाएगा। इन राज्यों में बड़ी संख्या में हाथी रहते हैं । इन राज्यों में मध्यप्रदेश के अधिकारियों को भेजा जाएगा।यहां अध्ययन करने के बाद हाथियों के रहवास के लिए पूरी प्लानिंग होगी। इसका असर इंसानों पर भी नहीं पड़ेगा। सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि हाथी फसल नष्ट न कर पाएं, यह सुनिश्चित करना होगा। यह चिंता के साथ जागरूकता का भी विषय है। 25 लाख रुपए की गई मुआवजा की राशिउन्होंने कहा कि जनहानि को लेकर 8 लाख रुपए प्रत्येक व्यक्ति को दिया जाता था, उसको बढ़ाकर 25 लाख रुपए प्रति व्यक्ति करने का निर्णय लिया है। इस घटना में दो व्यक्तियों की मृत्यु हुई है उनके परिवारों को भी इससे जोड़ा है।
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