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PTI Recruitment 2022: राजस्थान के स्कूलों में 1754 'फर्जी' पीटीआई, गहलोत राज में निकली विकेंसी में फर्जीवाड़े से हासिल की सरकारी नौकरी, अब जांच

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जयपुर : पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुई भर्ती परीक्षाओं में भारी फर्जीवाड़ा होने के सबूत सामने आ रहे हैं। गहलोत राज के पांच साल में हुई दस से ज्यादा भर्ती परीक्षाओं में बड़े स्तर पर पेपर लीक, नकल और अन्य प्रकार की गड़बड़ियां सामने आई है। पेपर लीक साबित होने पर एकाध परीक्षाओं को रद्द किया गया जबकि शेष सभी परीक्षाओं में भारी फर्जीवाड़े के बावजूद रद्द नहीं किया। सरकार बदलने के बाद पूर्ववर्ती सरकार के समय हुई भर्तियों की पोल खोली जा रही है। फर्जीवाड़ा सामने आने पर पिछले दिनों आरपीएससी ने आरओ ईओ भर्ती परीक्षा को निरस्त किया था। सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में सौ से ज्यादा आरोपियों की गिरफ्तारियां हुई। अब पीटीआई भर्ती 2022 में हुए फर्जीवाड़े का भी खुलासा हो रहा है। पीटीआई भर्ती 2022 में बोर्ड ने जताया था संदेहपीटीआई भर्ती 2022 यानी शारीरिक शिक्षकों की भर्ती गहलोत राज में राजस्थान राज्य कर्मचारी बोर्ड की ओर से कराई गई थी। भर्ती प्रक्रिया जब अंतिम स्तर पर थी और सफल अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापन किए जा रहे थे। उन दिनों बोर्ड ने कई दस्तावेजों को संदिग्ध माना। बोर्ड की ओर से इसकी शिकायत एसओजी से की गई। एसओजी ने पेपर लीक मामलों की जांच के लिए बनी एसआईटी को इस मामले की जिम्मेदारी भी सौंपी। एसआईटी ने सभी चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की गहन जांच की तो भारी गड़बड़ियां पाई गई। अब एसओजी ने इस संबंध में शिक्षा विभाग के सचिव को पत्र लिखा है। 1754 चयनित पीटीआई हैं फर्जी, दोबारा हो दस्तावेजों की जांचचूंकि बोर्ड की ओर से पीटीआई भर्ती परीक्षा का परिणाम जारी करके सफल अभ्यर्थियों को नियुक्तियां दे दी गई। उधर फर्जी डिग्रियों की जांच के मामले में एसओजी ने बड़े स्तर पर फर्जीवाड़े को उजागर किया। एसओजी ने माना कि पीटीआई भर्ती में सैकड़ों अभ्यर्थी हैं जिन्होंने फर्जी डिग्रियां लगाकर नौकरी पा ली है। ऐसे अभ्यर्थियों की संख्या 1754 बताई गई है। यानी 1754 पीटीआई फर्जी दस्तावेज लगाकर सरकारी नौकरी लग गए। इन संदिग्ध पीटीआई के दस्तावेजों की दोबारा जांच की मांग की है। दलालों ने बैक डेट में बेची फर्जी डिग्रियांपिछले दिनों एसओजी ने फर्जी डिग्रियों और डिप्लोमा बेचने वाली गैंग का खुलासा किया था। दो निजी विश्वविद्यालयों के मालिकों को भी गिरफ्तार किया गया। साथ ही ऐसे दलालों को भी पकड़ा जो अलग अलग राज्यों के निजी विश्वविद्यालयों से बैक डेट में फर्जी डिग्रियां और डिप्लोमा बेचते थे। इसके बदले अभ्यर्थियों से लाखों रुपए वसूले गए। इस खुलासे के बाद एसओजी ने पीटीआई भर्ती के चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की जांच दोबारा कराने की बात कही है। अगर ऐसा हुआ तो बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आ सकता है और चयनित पीटीआई की नौकरी पर तलवार लटक सकती है।
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