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Bihar: IAS अधिकारी रहे शिशिर सिन्हा बने राजगीर खेल यूनिवर्सिटी के पहले कुलपति, तीसरी बार सरकार मेहरबान

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पटना: बिहार के कई आईएएस अधिकारी सेवानिवृत्ति के बाद भी सक्रिय रहे हैं। सरकार ने उन्हें पदों पर बिठाया है। उन्होंने अच्छा काम करके भी दिखाया है। इसी कड़ी में बिहार सरकार ने 6 साल पहले आईएएस की नौकरी से रिटायर हुए शिशिर सिन्हा को तीसरी बार जिम्मेदारी का पद सौंपा है। सरकार ने शिशिर सिन्हा को राजगीर स्थिति खेल यूनिवर्सिटी का पहला कुलपति बनाया है। बिहार सरकार के खेल विभाग की ओर से इससे जुड़ी अधिसूचना जारी कर दी गई है। कुलपति बने शिशिर सिन्हाहालांकि, चर्चा ये भी है कि ये पद किसी खिलाड़ी बैकग्राउंड वाले अधिकारी को सौंपनी चाहिए थी। राजगीर खेल यूनिवर्सिटी नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट है। उन्होंने खुद इसे अपनी देखरेख में तैयार कराया है। इस खेल यूनिवर्सिटी से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी सामने आएंगे। यूनिवर्सिटी की कमान को एक सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी के हाथ में सौंपा गया है। इससे पूर्व सरकार ने प्रमोटी आईएएस अधिकारी रजनीकांड को यूनिवर्सिटी का रजिस्ट्रार बनाया था। रजिस्ट्रार भी प्रमोटी आईएएसनालंदा जिले के ही रहने वाले रजिस्ट्रार बने रजनीकांत लखीसराय में डीएम थे। उन्होंने सर्विस सेवा से वीआरएस लिया और उन्हें सरकार ने खेल यूनिवर्सिटी का रजिस्ट्रार बना दिया। बिहार सरकार की ओर से उन्हें शुरू में कुलपति का भी चार्ज सौंपा गया था। अब जाकर यूनिवर्सिटी में वीसी की नियुक्ति हुई है। 1982 बैच के आईएएस अधिकारी रहे शिशिर सिन्हा को खेल यूनिवर्सिटी की कमान सौंपी गई है। नीतीश के करीबी हैं शिशिर सिन्हाध्यान रहे कि शिशिर सिन्हा बिहार के विकास आयुक्त के पद पर रहे हैं। 2018 में उन्होंने रिटायरमेंट से कुछ दिन पहले वीआरएस ले लिया था। वीआरएस लेने के बाद उन्हें बीपीएससी का चेयरमैन भी बनाया गया था। जब उन्हें उस पद से हटाया गया। उसके बाद सरकार एक बार फिर उन पर मेहरबान हुई, उन्हें इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी अथॉरिटी का चेयरमैन बना दिया गया। अब तीसरी बार सरकार ने उन्हें सीधे खेल यूनिवर्सिटी का कुलपति बना दिया है। उन्हें नीतीश कुमार का बेहद करीबी बताया जाता है।
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