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जम्मू-कश्मीर में धारा 370 फिर से क्यों चाह रहे शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद? कहा- इससे मुस्लिमों को मिल गया है अधिकार

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आगरमालवा: शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने मध्य प्रदेश के आगरमालवा दौरे के दौरान मीडिया से बात की है। उन्होंने फिर से जम्मू-कश्मीर धारा 370 की बहाली की मांग की है। साथ ही वजह भी बताई है कि क्यों जम्मू-कश्मीर में 370 की बहाली जरूरी है। शंकाराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि हम तो गौ भक्त हैं। इसलिए कश्मीर में धारा 370 की बहाली चाहते हैं। उन्होंने कहा कि धारा 370 लागू रहने के दौरान कश्मीर रणबीर दंड संहिता लागू था। इसके तहत गौ हत्या प्रतिबंधित था। गौ हत्या पर फांसी की सजा का था प्रावधानशंकराचार्य ने कहा कि रणबीर दंड संहिता के अंतर्गत गौ हत्या, गौ हत्या के लिए प्रेरित करना, गौ मांस रखना और गौ मांस का व्यापार करना, इन सब में मृत्यु दंड का प्रावधान था। उन्होंने कहा कि कश्मीर में धारा 370 रहने के दौरान गौ हत्या नहीं होती थी। धारा 370 हटने के बाद वहां खुलेआम गौ हत्या होने लगी है। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि इनको धारा 370 हटाना ही था तो यह देखकर तो हटाते। सियासी बातें अलगस्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि धारा 370 को लेकर सियासी बातें अलग हैं। लेकिन हमारे पक्ष में जो बातें थीं, उसको रखकर हटाते। उन्होंने कहा कि धारा 370 हटाकर वहां के मुसलमानों को गोकशी का अधिकार दे दिया है। अब जम्मू-कश्मीर में गौकशी पर कोई दंड नहीं है। हम तो चाहते हैं कि फिर से वहां लागू हो जाए। कम से कम हमारी गाय माता तो बचेंगी। हमारा संविधान धर्मनिरपेक्ष नहीं हैइसके साथ ही शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि हमने संविधान का अध्ययन किया है। संविधान धर्मनिरपेक्ष नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान आज भी धर्मसापेक्ष है। इसे लेकर नेताओं द्वारा गलत धारणा फैलाई गई है। भारत पहले से ही हिंदू राष्ट्र है। भारत की सरकार 78 साल से है। सरकार ने इतने दिनों में कभी किसी मस्जिद का अधिग्रहण किया है। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म के कार्यक्रम में सिर्फ हिंदू लोग ही रहें। मुस्लिमों के कार्यक्रम में मुस्लिम ही रहे। एक तरह शंकराचार्य ने पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की बात का समर्थन किया है।
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