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'NDA सरकार को बदनाम करने की साजिश', महाराष्ट्र में 'रीन्यू विनिवेश' विवाद पर देवेंद्र फडणवीस का विपक्ष पर पलटवार

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मुंबई: महाराष्ट्र में आगामी चुनावों से पहले राजनीतिक तनाव बढ़ता जा रहा है। विपक्ष ने ‘रीन्यू विनिवेश’ के मुद्दे पर मौजूदा सरकार पर हमला तेज कर दिया है। कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) के नेतृत्व में विपक्ष का आरोप है कि रीन्यू पावर द्वारा किया गया 18 हजार करोड़ का निवेश, जिससे लगभग 3,000 नौकरियों की उम्मीद थी, वह गुजरात शिफ्ट हो गया है।हालांकि, रीन्यू पावर ने इन दावों को सिरे से खारिज करते हुए इन्हें भ्रामक और तथ्यात्मक रूप से गलत बताया है। कंपनी ने महाराष्ट्र में अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए बताया कि वर्तमान में उनकी 550 मेगावॉट की स्थापित क्षमता है और 2,000 मेगावॉट की परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं, जिनमें 15 हजार करोड़ का निवेश किया जा रहा है। इसके बावजूद विपक्ष सरकार पर यह आरोप लगाता रहा है कि महाराष्ट्र सरकार की लापरवाही के कारण महत्वपूर्ण निवेश गुजरात चला गया।इस पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह एनडीए सरकार को बदनाम करने की सुनियोजित साजिश है। फडणवीस ने कहा कि मुझे लगता है कि उन्हें झटका लगा है, इसलिए वे ऐसे नैरेटिव गढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष का यह रवैया महाराष्ट्र की छवि को नुकसान पहुंचा सकता है और राज्य में निवेश के माहौल को प्रभावित कर सकता है। हालांकि, विपक्ष के दावे तेजी से फैल रहे हैं। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के दावों से महाराष्ट्र के हितों को राजनीतिक लाभ के लिए खतरे में डाला जा सकता है। फडणवीस, जिन्हें विपक्ष लगातार निशाना बनाता रहा है, ने अपने कार्यकाल (2014-2019) में महाराष्ट्र में कई बड़े निवेश लाने का श्रेय प्राप्त किया है।फडणवीस के कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण निवेश हुए थे, जिनमें 2015 में मर्सिडीज-बेंज इंडिया के 1,500 करोड़ के मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी का विस्तार, 2017 में इंफोसिस का 750 करोड़ का आईटी पार्क नागपुर में शुरू होना और उसी साल महिंद्रा इलेक्ट्रिक का 500 करोड़ का वाहन निर्माण संयंत्र स्थापित होना शामिल है। इसके अलावा 2018 में अमेज़न वेब सर्विसेज ने 8,500 करोड़ का डेटा सेंटर महाराष्ट्र में स्थापित किया और हिरानंदानी ग्रुप ने पनवेल में 14,000 करोड़ के डेटा सेंटर पार्क की स्थापना की।विपक्ष के आरोपों के विपरीत वर्तमान सरकार भी महाराष्ट्र के औद्योगिक आधार को मजबूत करने में लगी हुई है। हाल ही में महाराष्ट्र में नवी मुंबई में 12,035 करोड़ के निवेश के साथ देश का पहला सेमीकंडक्टर OSAT (आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट) प्लांट शुरू हुआ है, जिससे 400 नौकरियों के सृजन की उम्मीद है और भारत की चिप आयात पर निर्भरता कम होगी।फडणवीस के नेतृत्व में महाराष्ट्र में हुए ये बड़े निवेश राज्य की प्रगति और देशी-विदेशी कंपनियों को आकर्षित करने की दिशा में उनकी सफलता को रेखांकित करते हैं। फिर भी विपक्ष फडणवीस को राज्य की कथित विफलताओं के लिए जिम्मेदार ठहराने के प्रयास में जुटा हुआ है, भले ही इसके विपरीत सबूत मौजूद हों।
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