कानपुर/प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी को गुरुवार को जमानत दे दी। हालांकि, अदालत ने सजा पर रोक लगाने की उनकी अर्जी खारिज कर दी। सोलंकी की याचिका पर यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता और न्यायमूर्ति सुरेंद्र सिंह की पीठ ने दिया। अदालत ने इस मामले में सजा बढ़ाने की राज्य सरकार की भी अपील खारिज कर दी।जाजमऊ इलाके में डिफेंस कॉलोनी निवासी फातिमा के मकान में आगजनी करने के आरोप में इरफान सोलंकी पर मुकदमा दर्ज किया गया था। सात जून 2024 के अपने आदेश में कानपुर की एक विशेष अदालत ने सोलंकी और चार अन्य लोगों को दोषी करार देते हुए सात साल के कारावास की सजा सुनाई थी। नहीं बहाल हो पाएगी विधायकीकानपुर की विशेष अदालत के निर्णय के खिलाफ दायर मौजूदा अपील में जमानत के साथ ही सजा पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया था। वहीं दूसरी ओर, राज्य सरकार ने सजा बढ़ाने के लिए अपील दायर की थी। गौरतलब है कि पूर्व विधायक इरफान सोलंकी इस समय महाराजगंज जेल में बंद हैं। सजा पर रोक नहीं लगाए जाने से इरफान सोलंकी की विधायकी नहीं बहाल हो पाएगी। पत्नी नसीम सोलंकी लड़ रहीं उपचुनावआपको बता दें कि इरफान सोलंकी की सदस्यता रद होने के बाद कानपुर की सीसामऊ विधानसभा सीट पर 20 नवंबर को उपचुनाव होने जा रहे हैं। सपा ने उनकी पत्नी नसीम सोलंकी को यहां से प्रत्याशी घोषित किया है।
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