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यूपी में बूथ से लेकर प्रदेश स्तर तक नजर आएगी सोशल इंजीनियरिंग, BJP की योजना से विपक्ष होगा 'चित'

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दीप सिंह, लखनऊ: लोकसभा चुनाव 2024 से सबक लेते हुए भारतीय जनता पार्टी ने अपने स्वरूप और कार्यप्रणाली में बदलाव लाने की तैयारी में है। ऐसे में संगठनात्मक चुनाव को हर स्तर पर अलग रूप देने की कोशिश की जा रही है। भाजपा संगठन में बूथ से लेकर प्रदेश स्तर तक कमिटियों में सोशल इंजीनियरिंग दिखेगी। समितियों में सभी जाति-वर्गों को शामिल किया जाएगा। क्षेत्र में जिस जाति की संख्या ज्यादा होगी, उस जाति को प्रमुखता दी जाएगी। यूपी चुनाव 2027 से पहले भाजपा अपनी रणनीति से विरोधियों को मात देने की तैयारी कर रही है।संगठन चुनाव के लिए शनिवार को शुरू हुई जिला स्तरीय कार्यशालाओं में चुनाव अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपने के साथ ही सोशल इंजीनियरिंग का मंत्र भी दिया गया। दरअसल, भाजपा प्रदेश में समाजवादी पार्टी के पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक समीकरण को जमीन पर काटने की तैयारी में है। इसलिए क्षेत्र स्तर पर इन वर्ग से नेतृत्व निकाल कर अलग राजनीतिक दांव चलने की तैयारी में है। नए साल में नए अध्यक्षभाजपा संगठन की चुनाव प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। राष्ट्रीय और प्रदेश के चुनाव अधिकारी पहले ही घोषित किए जा चुके हैं। प्रदेश स्तरीय कार्यशाला भी हो चुकी है। जिलों के लिए चुनाव अधिकारी और सह चुनाव अधिकारी भी बना दिए गए हैं। इनके लिए कार्यशाला शुक्रवार को हुई। प्रदेश के 60% जिलों में कार्यशालाएं शुक्रवार को हो गईं। बाकी भी शनिवार तक हो जाएंगी। जिलों के लिए घोषित चुनाव अधिकारी अब मंडल और बूथ स्तर पर चुनाव के लिए अधिकारी नामित करेंगे। उनकी देखरेख में मंडल और बूथ अध्यक्ष चुने जाएंगे। उसके बाद जिला अध्यक्ष और फिर प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव होंगे। जिलाध्यक्षों का चुनाव करीब दो माह में पूरा होने की उम्मीद है। इस तरह से भाजपा को नए साल में नया प्रदेश अध्यक्ष मिल जाएगा। ऐसे होगी सोशल इंजीनियरिंगबूथ, मंडल और जिला स्तर पर चुने गए अध्यक्ष अपनी कार्यकारिणी का चयन करेंगे। चुनाव अधिकारियों और पार्टी पदाधिकारियों को सोशल इंजिनियरिंग की थ्योरी भी समझाई गई है। कहा गया है कि बूथ, मंडल और जिले में पहले अपने सक्रिय कार्यकर्ताओं की लिस्ट तैयार करनी है। उनमें से ही अध्यक्ष और कार्यकारिणी का चयन किया जाना है। इसमें यह भी ध्यान रखा जाएगा कि क्षेत्र में जिस जाति-वर्ग के लोग ज्यादा हैं, उसी से अध्यक्ष का चयन किया जाए। उसके बाद अन्य जातियों का भी उचित समावेश कार्यकारिणी में हो। इसके अलावा अन्य सक्रिय कार्यकर्ताओं में से ही पन्ना प्रमुख बनाया जाएगा। इससे सभी वर्गों की पार्टी में सक्रिय भागीदारी हो सकेगी। महिलाओं की भागीदारीइस बार पार्टी ने संगठन में 33% महिलाओं को भागीदारी देने की भी योजना बनाई है। प्रदेश में कुल 1.36 लाख बूथों पर चुनाव होना है। सभी बूथों पर महिलाओं को जिम्मेदारी देने की कवायद की जा रही है। उसके बाद मंडल और जिला कार्यकारिणी में भी इसका ध्यान रखना होगा।
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