तेल अवीव: हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह पर हमले की जानकारी न दिए जाने पर अमेरिका ने इजरायल से गुस्से का इजहार किया है। अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने रक्षा मंत्री योव गैलेंट को फोन कर अपनी नाराजगी जाहिर की। इजरायल ने बहुत कम सूचना के साथ अमेरिका को बताया था कि इजरायली सेना हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह को मारने वाला है। 7 अक्टूबर को हमास के हमले के बाद जवाबी कार्रवाई के दौरान इजरायली रक्षा मंत्री गैलेंट ने अमेरिकी रक्षा मंत्री ऑस्टिन को हर प्रमुख घटनाक्रमों के पहले जानकारी दी है। यह दोनों देशों के सरकारों के बीच संवाद का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है, खासकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और इजरायली प्रधानममंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बीच मतभेद के बीच। इजरायली विदेश मंत्री से ज्यादा रक्षा मंत्री एक्टिव7 अक्टूबर के हमले के बाद इजरायल के विदेश मंत्री बदले हैं। नेतन्याहू ने एली कोहेन या उनके बाद इजरायल कैट्ज को उच्च स्तर के विदेशी मामलों पर अधिक अधिकार नहीं दिए हैं। उन्हें आंतरिक विदेश मंत्रालय के कर्मचारियों और लो प्रोफाइल वाले देशों के साथ संबंधों पर काम करने का ही अधिकार है। ऐसे में गैलेंट ऑस्टिन संबंध इजरायल और अमेरिका के बीच पहले से घनिष्ठ संबंधों की तुलना में और अधिक महत्वपूर्ण हो गए हैं। इसके अलावा, युद्ध के कारण उत्पन्न कई आपात स्थितियों के कारण दोनों अपने कुछ पूर्ववर्तियों रक्षा मंत्रियों की तुलना में अधिक बार मिले हैं। अमेरिका और इजरायल के रक्षा मंत्री लगातार कर रहे बातयुद्ध के दौरान इजरायल और अमेरिका के रक्षा मंत्रियों ने 125 से ज्यादा बार फोन पर बात की है, कभी-कभी तो एक दिन में कई बार। दोनों देशों की रक्षा रणनीतियों के समन्वय में शामिल पेशेवर मुद्दों से परे दोनों के बीच घनिष्ठ संबंध हैं। इसके बावजूद ऑस्टिन ने हसन नसरल्लाह की हत्या और बेहद कम समय पहले दी गई जानकारी के कारण गैलेंट के साथ अपनी दोस्ती भुला दी और जमकर खरीखोटी सुनाई है। सूत्रों के अनुसार, अमेरिकी रक्षा मंत्री ऑस्टिन ने इजरायली रक्षा मंत्री गैलेंट के खिलाफ तीखे शब्दों का इस्तेमाल किया है। इजरायल ने अमेरिका को क्यों नहीं दी जानकारीहिजबुल्लाह के संबंध में पूरे युद्ध के दौरान ऑस्टिन और बाइडन प्रशासन के लिए सबसे महत्वपूर्ण कारक एक बड़े क्षेत्रीय युद्ध में पड़ने से बचना रहा है। कई बार, अमेरिका ने इस तरह के परिदृश्य से बचने के लिए इजरायल से कम आक्रामक तरीके से काम करने या हिजबुल्लाह के खिलाफ कुछ कार्रवाई न करने का आग्रह किया है। इसका तात्पर्य यह है कि इस मामले में गैलेंट और इजरायल ने अमेरिका को खेल में बहुत देर से सूचित किया ताकि किसी बहस या विवाद की स्थिति से बचा जा सके। इजरायल को यह भी डर था कि पहले जानकारी देने पर अमेरिका उन पर कार्रवाई न करने का दबाव डाल सकता है।
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