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वाराणसी में हादसों का चौराहा बना मंडुआडीह, 10 ब्लैकस्पॉट चिह्नित, कारण जान लीजिए

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वाराणसी: उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में हादसों के ब्लैक स्पॉट को चिह्नित किया गया है। इस साल हुए हादसों की समीक्षा के बाद इन ब्लैक स्पॉट्स को निर्धारित किया गया है। वाराणसी शहर में मंडुआडीह चौराहे को भी ब्लैक स्पॉट की लिस्ट में शामिल किया गया है। दुर्घटना के कारणों से लेकर हादसा वाले स्थलों की समीक्षा के बाद चिह्नित सभी ब्लैक स्पॉट पर सुधार की योजना तैयार की जा रही है। इसके लिए विभिन्न विभागों का सहयोग लिया जाएगा। यातायात जागरूकता माह के दौरान समेकित सुधार वाले कार्यों के जरिए एक्सिडेंट से बचाने की कोशिश की जाएगी। कैसे चिह्नित होता है ब्लैक स्पॉट?जिला स्तर पर ब्लैक स्पॉट चिह्नित करने की कार्रवाई की जाती है। पुलिस और यातायात विभाग की ओर से आईरैड मोबाइल ऐप पर सभी हादसों का डाटा अपडेट किया जाता है। इसमें पांच या पांच से अधिक गंभीर हादसों के आधार पर ब्लैक स्पॉट चिह्नित किए जाते हैं। इसी आधार पर जिले में इस वर्ष 10 ब्लैक स्पॉट चिह्नित किये गये हैं। वाराणसी शहर में एक ब्लैक स्पॉट चिह्नित किया गया है। वहीं, बचे 9 ब्लैक स्पॉट हाइवे और मेन रोड पर स्थित हैं। इन ब्लैक स्पॉटों पर 50 से 100 मीटर के दायरे में सबसे अधिक हादसे हुए हैं। ट्रैफिक विभाग के मुताबिक कहीं कर्व है, कहीं अंधा मोड़ तो कहीं सर्विस लेन से जुड़ाव के कारण गंभीर हादसे हुए हैं। जिले के ब्लैक स्पॉट और कारण: लोगों को किया जाएगा जागरूकयातायात विभाग की ओर से ब्लैक स्पॉट्स पर लोगों को ट्रैफिक नियमों का अनुपालन करने और दुर्घटना क्षेत्र से संबंधित साइन बोर्ड लगाए जाएंगे। एडीसीपी ट्रैफिक राजेश पांडेय का कहना कि एनएचएआई और पीडब्ल्यूडी और अन्य निर्माण करने वाली एजेंसियों को सूची दी गई है। इसी माह सुधार से संबंधित कार्य कराए जाने हैं। इसमें रोड इंजीनियरिंग के जरिए सुधार के साथ ही जागरुकता अभियान भी शामिल है। इन ब्लैक स्पॉट पर जगह-जगह चेतावनी बोर्ड लगाए जाएंगे।
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