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दुनिया के इस देश में पढ़ने क्यों नहीं जा रहे भारतीय, विदेशी छात्रों की संख्या भी घटी? ये हैं परेशान करने वाली 5 वजहें

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Study in Australia: पढ़ाई के लिए दुनिया के टॉप देशों में शुमार ऑस्ट्रेलिया धीरे-धीरे अपनी चमक खो रहा है। हर साल लाखों छात्र दुनियाभर से ऑस्ट्रेलिया में पढ़ने जाते थे, लेकिन अब माहौल बदल रहा है और जिसकी वजह से भारतीयों समेत कई मुल्कों के छात्रों का इस देश से मोहभंग हो रहा है। वे अब ऑस्ट्रेलिया के बजाय दूसरे मुल्क में जा रहे हैं। हाल ही में ऑस्ट्रेलिया सरकार की तरफ से अंतरराष्ट्रीय छात्रों को लेकर एक आंकड़ा जारी किया गया, जिसमें उनकी कम होती संख्या साफ तौर पर दिखाई दी। दरअसल, सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया ने अक्टूबर 2023 और अगस्त 2024 के बीच स्टूडेंट वीजा में 38% की गिरावट दर्ज की। इस अवधि के दौरान विदेशी छात्रों को लगभग 2,98,000 वीजा जारी किए गए। फिलीपींस, कोलंबिया और भारती के छात्र सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं, क्योंकि उनकी संख्या में भारी गिरावट देखने को मिली है। ये आंकड़ा बताता है कि ऑस्ट्रेलिया में पढ़ने आने वाले छात्रों को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिस वजह से वे अब दूसरे मुल्क का रुख कर रहे हैं। किस देश कितने छात्र हुए कम?सरकारी आंकड़ों के अनुसार, फिलीपींस के छात्रों को जारी होने वाले स्टूडेंट वीजा में 67 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। कोलंबिया के छात्रों को दिए जाने वाले स्टूडेंट वीजा में 62 फीसदी की गिरावट हुई है। इसके बाद भारत का नंबर आता है, जहां के छात्रों को मिलने वाले स्टूडेंट वीजा में 56 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। वियतनाम के छात्रों को 28 फीसदी तक स्टूडेंट वीजा जारी होने में गिरावट का सामना करना पड़ा है। किन कोर्सेज पर हुआ वीजा कम होने का असर?ऑस्ट्रेलिया में वोकेशनल एजुकेशन और ट्रेनिंग सेक्टर की पढ़ाई ज्यादातर इन्हीं देशों के छात्र करते हैं, जिस वजह से इन पर ज्यादा असर देखने को मिला है। वोकेशनल एजुकेशन और ट्रेनिंग सेक्टर में स्टूडेंट वीजा जारी करने की संख्या में 57 फीसदी की गिरावट हुई है। ठीक ऐसे ही 'इंग्लिश लैंग्वेज इंटेंसिव कोर्सेज फॉर ओवरसीज स्टूडेंट्स' (ELICOS) में 50 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। हायर एजुकेशन वीजा यानी यूनिवर्सिटी की पढ़ाई के लिए मिलने वाले वीजा में भी 25 फीसदी की गिरावट हुई है। किन वजहों से कम हुए छात्र?
  • एप्लिकेशन फीस: ऑस्ट्रेलिया में 1 जुलाई, 2024 से स्टूडेंट वीजा (सबक्लास 500) के एप्लिकेशन फीस को बढ़ाकर दोगुना कर दिया गया। ये पहले 710 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर था, जो अब 1600 डॉलर हो चुका है।
  • अंग्रेजी भाषा के टेस्ट का स्कोर बढ़ना: ऑस्ट्रेलिया में पढ़ने के लिए अंग्रेजी भाषा का टेस्ट देना होता है। 2024 की शुरुआत में स्टूडेंट वीजा न्यूनतम IELTS स्कोर 5.5 होने पर भी मिल जाता है, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 5.5 कर दिया गया है।
  • सेविंग अमाउंट का बढ़ना: 10 मई, 2024 से देश में पढ़ने आने वाले छात्रों को ज्यादा सेविंग दिखानी पड़ रही है। अब 29,710 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर होने पर वीजा मिल रहा है, जबकि पहले 24,505 डॉलर अकाउंट में होने पर वीजा मिल जाता था।
  • पोस्ट-स्टडी वर्क वीजा में दिक्कत: ऑस्ट्रेलिया ने टेंपरेरी ग्रेजुएट वीजा (सबक्लास 485) के तहत रहने की अवधि को कम किया है। खासतौर पर इसका असर बैचलर्स-मास्टर्स कर रहे छात्रों पर पड़ा है, जो अब पढ़ाई के बाद दो साल तक ही रह सकते हैं।
  • 'जेनविन स्टूडेंट' का नियम: 23 मार्च, 2024 को नए 'जेनविन स्टूडेंट' (जीएस) आवश्यकता ने पिछले 'जेनविन टेंपरेरी एंट्रेंट' (जीटीई) नियम की जगह ली। अब स्टूडेंट वीजा देने से पहले आवेदक की पढ़ाई का इतिहास, भविष्य की योजनाएं और स्टडी के उद्देश्य को जाना जा रहा है। पहले सिर्फ पढ़ने की बात होने पर ही वीजा मिल जाता था।
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