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नवरात्रि 3 अक्टूबर से, डोल पर आ रही हैं माता और जाएंगी बिना वाहन के, शुभ नहीं संकेत, इस बात की है आशंका

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नवरात्रि का आरंभ 3 अक्टूबर दिन गुरुवार से हो रहा है। इसी दिन कलश स्थापना भी किया जाएगा। इस बार नवरात्रि पर कुछ ऐसे संयोग बन रहे हैं जिसको लेकर पंडित और ज्योतिषी भविष्य को लेकर आशंकित हैं। वैसे एक अच्छी बात यह भी है कि अबकी बार नवरात्रि पूरे नौ दिनों की है और दसवें दिन दशहरा है। आइए जानते हैं देवी के आगमन और प्रस्थान को लेकर क्या है ज्योतिषीय धारणा। श्रीमद्देवीभाग्वत महापुराण से 2025 की भविष्यवाणीश्रीमद्देवीभाग्वत महापुराण में बताया गया है कि,देवी का आगमन जिस दिन और जिस वाहन पर होता है उसके अनुसार पूरे साल की भविष्यवाणी की जानी चाहिए। यानी माता अपने वाहन के अनुसार आने वाले साल की स्थिति का संकेत दे देती हैं ताकि मनुष्य सतर्क हो जाए और विपरीत स्थिति आने पर उसके लिए तैयार रहे। माता के डोली से आगमन का परिणामइसके लिए देवीश्रीमद्देवीभाग्वत महापुराण में एक स्लोक दिया गया है-शशि सूर्य गजारुढा शनिभौमे तुरंगमे।गुरौशुक्रेच दोलायां बुधे नौकाप्रकीर्तिता॥ इस गूढ़ दोहे में पूरे वर्ष की भविष्यवाणी है। दोहे के अनुसार अबकी बार गुरुवार से नवरात्रि आरंभ है यानी माता इस साल डोली में बैठकर आ रही हैं। देवी का डोली में बैठकर धरती पर आना शुभ नहीं माना जाता है। देवीभागवत महापुराण के अनुसार जब देवी डोली में आती हैं तो जैसे डोली डोलती चलती है उसी तरह धरती पर उथल पुथल मचती है। धरती पर महामारी, जन धन की हानि होती है और प्राकृतिक घटनाओं से जनता को कष्ट होता है। और अबकी बार माता के डोली पर आने से ऐसी घटनाओं के होने की आशंका है। माता के चरणायुद्ध प्रस्थान का परिणामजबकि इस बार दुर्गा माता शनिवार 12 अक्टूबर को प्रस्थान करेंगी। माता का प्रस्थान शनिवार को होने की वजह से अबकी बार माता के पास कोई वाहन नहीं होगा। क्योंकि श्रीमद्देवीभाग्वत महापुराण में बताया गया है कि यदि शनिवार या मंगलवार के दिन विजयादशमी हो तब देवी चरणायुध यानी पैदल ही देवी वापस अपने लोक को जाती हैं। देवी के चरणायुध से जाने की वजह से इस वर्ष युद्ध होंगे, आसमान से अग्नि की वर्षा होगी यानी मिशाइल भी दुनिया के कई देशों में खूब बरसेंगे। हवाई हमले और हवाई दुर्घटना से जानमाल का नुकसान होगा। ओले बरसने से फसलों को नुकसान पहुंचेगा। नवरात्रि अबकी बार कितने दिनों की होगी।नवरात्रि का आरंभ 3 अक्टूबर से हो रहा है और विजयादशमी 12 अक्टूबर को है। ऐसे में अबकी बार पूरे 9 दिनों की नवरात्रि होगी और दसवें दिन विजयादशमी मनाई जाएगी। ऐसे में नवरात्रि का होना भक्तों के लिए वरदान से कम नहीं है। देवी का आगमन और प्रस्थान का संयोग प्रतिकूल होने के बावजूद जो भक्त श्रद्धापूर्वक 9 दिनों तक देवी की भक्ति भाव से पूजा करेंगे। माता की उन पर कृपा बनी रहेगी और हर आपदा और विपदा से माता अपने भक्तों की रक्षा करेगी। इसके लिए नवरात्रि में हर दिन, कवच, कीलक और अर्गलास्तोत्र का पाठ भी सप्तशती पाठ के साथ जरूर करें।
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