बच्चे के जन्म के बाद मां का दूध उसके लिए संपूर्ण आहार होता है। इसलिए छह महीने तक हर मां को बच्चे को स्तनपान कराना चाहिए। जब नवजात शिशु केवल स्तनाप करता है, तो उसे पानी देने की जरूरत नहीं होती। क्योंकि मां का दूध ही है, जो बच्चे के भोजन और पानी की जरूरत को पूरा करता है। स्तनपान को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल होते हैं। स्तनपान क्यों जरूरी है, कब तक कराना चाहिए, कैसे कराना चाहिए, नहीं कराया तो क्या होगा। अगर आपके मन में भी स्तनपान को लेकर ऐसे सवाल हैं, तो क्लाउडनाइन हॉस्पिटल की गायनोकोलॉजिस्ट डॉ. संदीप चड्ढा और मदरहुड वूमेन और चिल्ड्रन हॉस्पिटल के पीडियाट्रिशियन डॉ. अमित गुप्ता से जानें इन सभी का जवाब। लिक्विड गोल्ड है ब्रेस्टफीडिंग, बढ़ाता है इम्यूनिटीमां का पहला दूध बच्चे के लिए वैक्सीन है। ब्रेस्ट फीड कराने से मां ही नहीं, बल्कि बच्चे के स्वास्थ्य को भी फायदा होता है। इससे न केवल बच्चे की इम्यूनिटी बेहतर होती है, बल्कि संक्रमण से बचता है और डायबिटीज व कैंसर जैसी बीमारियां भी नहीं होती। वहीं स्तनपान कराने वाली मांओं में ब्रेस्ट कैंसर की संभावना कम होती है। इसके अलावा ब्रेस्ट मिल्क एक कैलोरी बर्नर है, जिससे पोस्टपार्टम वेट लॉस में मदद मिलती है। एक्सपर्ट के अनुसार, ब्रेस्टफीड एक लिक्विड गोल्ड है, जिसे हर मां को अपने बच्चे को देना चाहिए। शिशु को स्तनपान कराने के क्या हैं बड़े फायदेमां का पहला पीला गाढ़ा दूध के जरिए बच्चे के शरीर में मां की एंटीबॉडीज जाती है। दूध में पर्याप्त मात्रा में कैलोरी होती है और इसमें बीमारियों से लड़ने की क्षमता भी होती है। इसलिए बच्चे को जन्म देने के तुरंत बाद उसे ब्रेस्ट फीड कराना चाहिए। फिर भले ही मां को कुछ बूंद ही दूध क्यों ना आए, बच्चे को इसे देना चाहिए। ब्रेस्टफीडिंग के दौरान प्रोटीन रिच डाइट लेंब्रेस्टफीडिंग कराने से पहले नई मां को चीनी का सेवन सीमित करना होगा। वहीं आहार में प्रोटीन रिच इसके अलावा जंक फूड से भी बचना चाहिए। मां का दूध् अच्छी मात्रा में बच्चे को मिल सके, इसके लिए हाइड्रेट रहना बहुत जरूरी है। एक्सपर्ट ने बताया कि ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान महिलाओं को 3 से 4 लीटर पानी पीना चाहिए। ब्रेस्टफीडिंग कराते समय स्ट्रेस मैनेज करेंडॉ. संदीप कहती हैं कि बच्चे को जन्म के शुरुआती दो दिनों में दूध कम आता है। इसे लेकर महिलाएं तनाव में आ जाती हैं। इस समय महिलाओं को तनाव लेने से बचना चाहिए, क्योंकि दूध न आना नॉर्मल है। बच्चे के चूसने के कुछ दिन बाद ठीक तरह से दूध आना शुरू होता है। बेहतर है अपने बच्चे से प्यार करें और उसके साथ समय बिताएं। समय के साथ दूध आना शुरू हो जाएगा। मां का दूध न मिलने पर बच्चों को होने वाले नुकसानक्या कभी सोचा है कि अगर बच्चे को किस कारण मां का दूध ना मिल पाए, तो क्या होगा। डॉक्टर कहते हैं कि जिन बच्चों को जन्म के तुरंत बाद मां का दूध नहीं मिल पाता, उन्हें आगे चलकर ज्यादा दस्त और सांस से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे बच्चों में निमोनिया का खतरा भी बढ़ता है। बच्चे को स्तनपान कराना कब बंद कर देना चाहिए?जब बच्चा रात में ब्रेस्टफीड ना करे, लेकिन निप्पल काटे या फिर केवल मां के दूध पर ही निर्भर हो जाए, तब माओं को बच्चे को स्तनपान कराना कम कर देना चाहिए। अगर मां को कोई समस्या नहीं है, तो वह बच्चे को दो साल तक स्तनपान करा सकती है। ब्रेस्टफीड कराते वक्त कौन सी दवा ना लें?सभी तरह की दवा के साथ बच्चे को ब्रेस्टफीड कराया जा सकता है। पर ध्यान रखें अगर आप खांसी की दवा ले रहे हैं, जिसमें कोडीन शामिल है, उसे लेने से बचें। क्योंकि जब ये देवा बेस्टफीडिंग के जरिए बच्चे के शरीर में पहुंचती है, तो बच्चे को बहुत ज्यादा नींद आती है। स्तनपान कराने से पहले जान लें जरूरी बातें
- कंसीव करते ही ब्रेस्टफीडिंग के बारे में पढ़ें।
- प्रेग्नेंसी के दौरान अपने डॉक्टर को ब्रेस्ट चैक कराएं।
- गोल्डन आवर के बारे में जानें।
- ब्रेस्टफीड कराने के लिए खुद को तैयार करें।
- आरामदायक माहौल में बच्चे को ब्रेस्टफीड कराएं।
- हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं और अच्छी डाइट लें।
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