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पिता की हत्या, सलमान का मिला साथ... क्या अजित पवार के सहारे जीत पाएंगे जीशान सिद्दीकी

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मुंबई: महाराष्ट्र चुनावों से ठीक पहले हुई बाबा सिद्दीकी हत्या से अभी तक पर्दा नहीं उठ पाया है। कांग्रेस में लंबी पारी खेलने वाले बाबा सिद्दीकी ने पिछले चुनावों में मुंबई की वांद्रे पूर्व (बांद्रा ईस्ट) सीट से बेटे जीशान सिद्दीकी की जीत सुनिश्चित की थी, लेकिन चुनावों से ठीक पहले बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद उनके बेटे जीशान सिद्दीकी वांद्रे पूर्व सीट से मैदान में है। पिता की हत्या के बाद जीशान सिद्दीकी को बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान का समर्थन मिला था। सिद्दीकी परिवार के सलमान खान की फैमिली से गहरे रिश्ते हैं। राजनीतिक तौर पर जीशान सिद्दीकी को महायुति के घटक में शामिल अजित पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का समर्थन हैं। वह इसी पार्टी से लड़ रहे हैं। राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि क्या अजित पवार के पॉवर से जीशान जीत जाएंगे या फिर बांद्रा पूर्व में बड़ा उलटफेर होगा? बांद्रा ईस्ट में कौन है आगे? महाराष्ट्र की राजनीतिक हलचल पर पैनी नजर रखने वाले सेफोलॉजिस्ट दयानंद नेने कहते हैं कि बांद्रा ईस्ट में मुकाबला काफी कड़ा है। एनसीपी अजीत पवार गुट से जीशान सिद्दीकी, एमएनएस ने तृप्ति सावंत को अपना उम्मीदवार बनाया है। शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवार वरुण सरदेसाई हैं। इस सीट पर इन्हीं तीन कैंडिडेट के बीच मुकाबला है। जीशान को मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में जमीनी स्तर पर काफी सहानुभूति मिल रही है। इसके बावजूद वरुण सरदेसाई भी पीछे नहीं हैं। ऐसी चर्चा है कि जीशान यहां एक अलग खेल रहे हैं, जिसे यहां के स्थानीय लोग ठीक से पचा नहीं पा रहे हैं। बाबा सिद्दीकी की हत्या के कारण इस सीट पर अलग तरह का माहौल है। नेने कहते हैं उन्हें आश्चर्य नहीं होगा अगर सभी जीशान के खिलाफ हो जाएं और बांद्रा ईस्ट में वरुण या तृप्ति को वोट देने का फैसला करें। नेने कहते हैं कि बीच में यह चर्चा सामने आई थी कि अगर बीजेपी तृप्ति सावंत को समर्थन देती है, तो वह भी जीत सकती हैं। वांद्रे पूर्व शिवसेना का गढ़ 2008 के परिसीमन के बाद वांद्रे पूर्व सीट बनी थी। पहले चुनाव में यह से शिवसेना के टिकट पर प्रकाश सांवत जीते थे। प्रकाश सावंत 2014 में भी जीते थे। उनकी असमय मृत्यु के सालभर बाद उपचुनाव हुआ था। इसमें उनकी पत्नी तृप्ति सावंत जीती थीं, लेकिन 2019 के चुनावों में जीशान सिद्दीकी ने कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर शिवसेना का गढ़ भेद दिया था। इस सीट पर जीशान जीते थे। जीशान सिद्दीकी ने शिवसेना कैंडिडेट विश्वनाथ महादेवेश्वर को हराया था। वह 5,790 वोटों से जीते थी। जीशान की जीत में बाबा सिद्दीकी के राजनीति और कूटनीति का अहम रोल रहा था। हार गए थे नारायण राणे वर्तमान में बीजेपी के नेता नारायण राणे को 2015 के उप चुनाव में शिकस्त झेलनी पड़ी थी। वह तब कांग्रेस के टिकट पर यहां से चुनाव मैदान में उतरे थे लेकिन उन्हें शिवसेना के विधायक प्रकाश सावंत की पत्नी तृप्ति सावंत ने हरा दिया था। नारायण राणे को 33 हजार सात सौ तीन वोट हासिल हुए थै। वह दूसरे नंबर रहे थे। अपने गढ़ पर कब्जा करने के लिए 2024 के चुनाव में उद्धव ठाकरे ने वरुण सरदेसाई को मैदान में उतारा था। वह आदित्य ठाकरे के चचेरे भाई हैं। मुंबई सीनेट चुनावों में उद्धव ठाकरे की युवा सेना के क्लीन स्वीप के साथ सरदेसाई चर्चा में आए थे। 2019 में जीशान सिद्दीकी 5,790 वोटों से जीते थे।
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