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UP में जमीन के खेल में खिसक रही अफसरों की 'जमीन', 5 महीने में योगी सरकार का धड़ाधड़ एक्शन

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लखनऊ: जमीन से जुड़ी शिकायतों में खेल करने वाले अफसरों की जमीन खिसकने लगी है। पिछले पांच महीने में ऐसी शिकायतों पर एक IAS और 10 PCS अफसर सस्पेंड किए जा चुके हैं। अगर इसमें चकबंदी अधिकारी, राजस्व निरीक्षकों पर की गई कार्रवाई को भी जोड़ दें तो यह संख्या 50 से ज्यादा है। खास बात है कि कुछ और जिलों में भूमि अधिग्रहण, जन शिकायतों में लापरवाही के मामलों पर भी जांच अंतिम चरण में है। इसके बाद कई और अधिकारियों पर गाज गिरनी तय है।लोकसभा चुनाव के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने पार्टी के विधायकों के साथ मंडलवार बैठक की थी। इस दौरान जनप्रतिनिधियों ने राजस्व के मामलों में लापरवाही और शिकायतों को टरकाने से जुड़ी शिकायतें की थीं। योगी ने खुद राजस्व सहित अन्य विभागों की समीक्षा में तहसील दिवस, राजस्व से जुड़े मामलों को प्राथमिकता से निस्तारित करने का निर्देश दिया था। उन्होंने कहा था कि जमीन से जुड़े छोटे-छोटे मामले बड़े विवाद का कारण बनते हैं, इसलिए इन पर ध्यान देना जरूरी है। रवैया न बदलने वाले अफसर आ रहे जद मेंचेताने के बाद भी रवैया न बदलने वाले अधिकारी अब कार्रवाई की जद में आ रहे हैं। ये कार्रवाइयां कानून-व्यवस्था, प्रशासनिक लापरवाही के मामले जैसे हाथरस सत्संग हादसे से इतर हैं। जुलाई में हुए सत्संग हादसे में भी SDM, सीओ सहित 6 अधिकारी सस्पेंड किए गए थे। फीडबैक, IGRS का प्रदर्शन भी बन रहा आधारशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि जमीनी फीडबैक, सीएम को मिली शिकायतों के साथ ही इंटीग्रेटेड ग्रीवांस रिड्रेसल पोर्टल (IGRS) पर आई शिकायतों पर उठाए गए कदम और शिकायतकर्ता की संतुष्टि को भी कार्रवाई का आधार बनाया जा रहा है। मसलन, जुलाई में नरैनी के SDM पर कार्रवाई जन शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही पर ही की गई थी। बुधवार को शासन ने जिस मामले में एक IAS व तीन PCS अफसरों को सस्पेंड किया है, वह प्रकरण 5 साल से लटका था। बरेली, जौनपुर सहित कुछ जिलों में भी कार्रवाई जल्‍द2019 से ही खेत की पैमाइश के आवेदन पर हीलाहवाली हो रही थी। इसलिए, सीएम ने सख्ती बरतते हुए इस अवधि में रहे सभी अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए। चकबंदी, पैमाइश, जमीन आवंटन में गड़बड़ी आदि के मामलों में पिछले पांच महीने में चकबंदी व राजस्व विभाग के भी 40 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हुई है। सूत्रों का कहना है कि बरेली, जौनपुर सहित कुछ और जिलों से जुड़े मामलों में भी जल्द कार्रवाई होगी। इन अफसरों पर गिरी गाज 13 नवंबरखीरी में जमीन की पैमाइश की प्रक्रिया समय से पूरी न करने पर IAS घनश्याम सिंह, PCS अधिकारी अरुण कुमार सिंह, रेनू और विधेश सिंह निलंबित कर दिए गए। 10 अक्टूबरफिरोजाबाद में जमीन कब्जे की शिकायत पर फरियादी से 4 लाख घूस लेने व कर्मचारी के नाम जमीन लिखवाने पर PCS अधिकारी आदेश सिंह सागर और गणेश प्रसाद सिंह को निलंबित किया गया। 2 सितंबरहरदोई में 150 बीघे कृषि भूमि का गलत पट्टा करने पर दो PCS अधिकारी स्वाति शुक्ला और प्रतीत त्रिपाठी निलंबित किए गए। 71 अपात्रों को जमीन बांटी थी। 18 जुलाईसीएम विवेकाधीन कोष से मदद के लिए एक ही मामले में गलत रिपोर्ट भेजने पर श्रावस्ती के तत्कालीन SDM अरुण कुमार सिंह निलंबित हुए। 11 जुलाईबांदा के नरैनी में तैनात SDM विकास यादव निलंबित किए गए। इन पर जनशिकायतों के निस्तारण में लापरवाही और अनियमितता का आरोप था। 10 जुलाईफिरोजाबाद के सिरसागंज में 75 बीघा जमीन के बंदरबाट में SDM विवेक राजपूत सहित 19 लोगों को निलंबित किया गया। इसमें SDM, नायब तहसीलदार, लेखपाल सहित 19 लोगों पर केस भी दर्ज करवाया गया।
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