मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के लिए प्रचार सोमवार शाम पांच बजे थम गया। बुधवार को महाराष्ट्र विधानसभा की सभी 288 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। वहीं नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। सोमवार को चुनाव प्रचार के आखिरी दिन प्रत्याशियों ने अपने-अपने इलाकों में जमकर दौड़-धूप की। उधर, कई वजहों से महाराष्ट्र की चुनावी लड़ाई को इस बार बेहद खास माना जा रहा है। राज्य में इस बार सिर्फ दो ही गुटों महायुति और महा विकास अघाड़ी में लड़ाई है। जबकि तीसरा गुट कहीं भी लड़ाई में नहीं है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं। महाराष्ट्र में इस बार कोई खास मुद्दा नहींमहाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में इस बार कोई भी ऐसा एक मुद्दा नहीं रहा, जिसके बारे में यह कहा जा सके कि पूरे राज्य में सभी विधानसभा सीटों पर प्रभावी है। इस वजह से नारों को लेकर भी संदेह और असमंजस की स्थिति दिख रही है। बीजेपी की तरफ से ‘बटेंगे तो कटेंगे’ और ‘एक हैं तो सेफ हैं’ नारों को सबसे ज्यादा प्रमुखता दी गई, लेकिन खुद NDA खेमे में भी इस पर सर्वसम्मति नहीं बन सकी। अजित पवार ही नहीं, BJP के भी कई नेताओं ने इस नारे को अस्वीकार करने की बात कह दी। प्रत्याशियों पर असमंजसमहाराष्ट्र चुनाव में इस बार वोटर प्रत्याशियों को लेकर असंमजस में हैं। क्योंकि असली शिवसेना-नकली शिवसेना, असली एनसीपी, नकली एनसीपी समेत कई विषयों पर वोटर असमंजस की स्थिति में दिख रहे हैं। वहीं इस बार चुनावी लड़ाई का स्वरूप इस मायने में भी बदला है कि लगभग हर विधानसभा क्षेत्र में बहुकोणीय मुकाबला हो गया है। दो शिवसेना और दो NCP के साथ ही कांग्रेस और BJP के अधिकृत प्रत्याशी तो तय सीटों पर हैं ही। इन दलों के बागी प्रत्याशी भी कई जगहों पर मुकाबले को कठिन बना रहे हैं। ऐसे में कौन किस तरफ से किसके वोटों में कितनी सेंध लगाने वाला है? इसे लेकर हर खेमे में उलझन बनी हुई है। जनता के पास ऑप्शन ही ऑप्शनमहाराष्ट्र चुनाव के बाद सत्ता किसके हाथ में जाती है? इस पर सबकी नजरें टिकी रहती थीं, लेकिन इस बार बात सिर्फ इतनी ही नहीं है। साल 2019 में विधानसभा चुनाव नतीजे आने के बाद जिस तरह का उलटफेसर महाराष्ट्र की राजनीति में दिखा है। उसके चलते प्रदेश के प्रमुख राजनीतिक दलों का स्वरूप बदल दिया है। साथ ही प्रमुख राजनीतिक परिवारों की साख पर सवाल उठे हैं। वहीं वोटरों के सामने भी ऑप्शन ही ऑप्शन नजर आ रहे हैं। एमवीए और महायुति में कौन भारी?महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी, एकनाथ शिंदे की शिवसना और अजित पवार की एनसीपी की अगुवाई में महायुति ने कमान संभाली। वहीं कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना यूबीटी और शरद पवार की एनसीपी से महाविकास अघाड़ी ने मोर्चा संभाला। पूरे चुनाव प्रचार के दौरान दोनों गठबंधन में कड़ा मुकाबला देखा गया है। लोकसभा चुनाव में नंबर वन पर रही महाविकास अघाड़ी को इस बार काफी मेहनत करनी पड़ी है। वहीं महायुति ने लोकसभा चुनाव के रिजल्ट को पीछे छोड़ते हुए खूब पसीना बहाया है। ऐसे में देखना रोचक होगा कि महाराष्ट्र की सत्ता के फाइनल में कौन बाजी मारता है?
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