मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार खत्म होने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख और डिप्टी सीएम अजित पवार ने बड़ा बयान दिया है। इसमें उन्होंने शरद पवार से अलग होने के पीछे अपने मजबूरी बयां की है। अजित पवार ने कहा है कि एमवीए सरकार के गिर जाने के बाद विकास कार्यों को फिर से शुरू करवाने के लिए पार्टी के विधाायकों को का दबाव था। पवार के अनुसार इसी के चलते वह दोबारा से सरकार में शामिल हुए थे। बारामती में कही दिल की बात अजित पवार ने यह बयान ऐसे वक्त पर दिया है जब वह खुद बारामती में फैमिली फाइट में घिरे हुए है। शरद पवार ने उनके खिलाफ उन्हें के भतीजे युगेंद्र पवार को उतार कर मुश्किल में डाल दिया है। युगेंद्र पवार अजित पवार के बड़े भाई श्रीनिवास पवार के बेटे हैं। अजित पवार पिछले साल जुलाई महीने में महायुति सरकार में शामिल हो गए थे। इसके बाद एनसीपी के दो फाड़ हो गए थे। अजित पवार के अनुसार महायुति सरकार में शामिल होना विकास परियोजनाओं को फिर से शुरू करने के लिए ज़रूरी था। बारमती में बोले अजित पवार 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले बारामती में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए अजित पवार ने अपनी स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि आप सोच सकते हैं कि मैंने इस उम्र में पवार साहब को छोड़ दिया। मैंने उन्हें नहीं छोड़ा। विधायकों का मानना था कि महा विकास अघाड़ी सरकार के दौरान स्वीकृत कई विकास कार्यों को फिर से शुरू करने के लिए सरकार में शामिल होना जरूरी था लेकिन उन्होंने इसे रोक दिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विधायकों ने औपचारिक रूप से इस कदम का समर्थन किया था। अजित पवार ने मांगा समर्थन अजित पवार ने क्षेत्र के विकास में खुद के योगदान का गिनाते हुए लोगों से समर्थन की अपील की। पवार ने कहा कि पिछले लोकसभा चुनावों में आपने पवार साहब और सुप्रिया सुले का समर्थन किया था। अब मैं आपसे समर्थन मांगता हूं। मैं सोमवार अपना दृष्टिकोण साझा करूंगा। पवार ने कहा कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए निर्णय लेना आप पर निर्भर है। पवार परिवार के गढ़ बारामती में 2024 के लोकसभा चुनावों में फैमिली फाइट हुई थी। तब सुप्रिया सुले ने अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार को बड़े अंतर से हरा दिया थ।
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मैं उन्हें इस उम्र में नहीं छोड़ सकता... बारामती में अजित पवार ने बताई अपनी मजबूरी
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