थायराइड के दो प्रकार होते हैं, जिन्हें हाइपरथायरॉइडिज्म और हाइपोथायरॉइडिज्म कहते हैं। हाइपरथायरॉइडिज्म के अंदर ग्लैंड से थायराइड हॉर्मोन का उत्पादन बढ़ जाता है और इसका सबसे आम लक्षण पतला होना है। हाइपोथायरॉइडिज्म में हॉर्मोन कम पैदा होता है, जिसमें मरीज मोटा होना शुरू कर देता है।
थायराइड के लिए आयुर्वेदिक उपाय
थायराइड के आयुर्वेदिक उपाय की सामग्री
डॉ. निशांत गुप्ता के मुताबिक पंसारी के यहां से बड़ी इलायची, साबुत धनिया और सौंफ लेकर आएं। बड़ी इलायची का छिलका उतार लें। आपको उपाय के अंदर इसी का इस्तेमाल करना है।
कैसे करें उपाय?
50 ग्राम बड़ी इलायची का छिलका100 ग्राम साबुत धनिया100 ग्राम सौंफइन तीनों चीजों को एक जगह पीसकर स्टोर कर लें। रोज रात को आधा चम्मच इस पाउडर को लेकर एक गिलास पानी में डालकर छोड़ दें। सुबह उठकर इस पानी को पकाकर आधा कर लें। फिर इसे छानकर पी लीजिए।
फेंकना नहीं है छना हुआ पदार्थ
डॉक्टर का कहना है कि जो द्रव्य या पदार्थ छलनी में बच गया है, उसे फेंकना नहीं है। उसे फिर से एक गिलास पानी में भिगो दीजिए और रात में फिर से इसी तरीके से पकाकर और छानकर पी लीजिए।
कितने दिन में दिखेगा असर
डॉक्टर के अनुसार यह उपाय करने से 15 से 20 दिन के अंदर थायराइड कंट्रोल में आने लगेगा। लेकिन आपको इस उपाय को कम से कम 3 महीने तक जरूर करना है।डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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