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अग्निकांड से 5 घंटे पहले मिला था बड़े हादसे का 'अलर्ट', झांसी हॉस्पिटल के NICU में शाम को हुआ क्या था?

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आनंद त्रिपाठी, झांसी/लखनऊ: उत्तर प्रदेश के झांसी मेडिकल कॉलेज के नीकू वॉर्ड में आग लगने के बाद वहां पर धुआं भर गया। इस दौरान कई मां-बाप अपने नवजातों और बच्चों को उठा कर बाहर भागे। हर कोई अपनी जान की परवाह किए बिना वॉर्ड में जाना चाह रहा था लेकिन जब आग और धुआं इस कदर बढ़ गया कि लोग एक-दूसरे को नहीं देख पा रहे थे तो वहां लोगों की आंखों में बेबसी दिखने लगी। कुछ लोग ऐसे भी थे, जिन्होंने अपनी जान पर खेलकर मासूम बच्चों को बाहर निकाला। यह बात भी सामने आई है कि हादसे से करीब पांच घंटे पहले भी शॉर्ट सर्किट हुआ था लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया। घटनास्थल पर मौजूद चश्मदीद कृपाल सिंह राजपूत ने बताया कि वे बच्चे को दूध पिलाने अंदर गए थे। उसी दौरान एक मैडम भागते हुए आईं। उनके पैर में आग लगी हुई थी। वो चिल्ला रही थीं। हमने करीब 20 बच्चों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया। किसी बच्चे को ऑक्सिजन लगी थी और कोई गंभीर हालत में था। बच्चों को बचाने में जुटे रहे कर्मचारीएक तरफ जहां बच्चों के परिवारीजन बच्चों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचा रहे थे तो दूसरी ओर मेडिकल कॉलेज के स्टाफ ने भी बच्चों को बचाने में अहम भूमिका निभाई। वॉर्ड में आग लगने के बाद कर्मचारी तत्परता दिखाते हुए वहां भर्ती बच्चों को बचाने में जुट गए। वे हाथों में बच्चों को थामकर इमरजेंसी की ओर से भागे। इस दौरान कई कर्मचारी झुलस भी गए। नर्स मेघा जेम्स भी बच्चों को बचाने के प्रयास में झुलस गईं। इसके अलावा कई अन्य कर्मी भी आग की चपेट में आ गए, जिन्हें इमरजेंसी में इलाज मुहैया करवाया गया। 5 बजे भी हुआ था शॉर्ट सर्किटरात में हादसे के समय मेडिकल कॉलेज में मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि देर रात आग लगने से पहले शाम 5 बजे भी शॉर्ट सर्किट हुआ था। लेकिन उस समय कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। घटना से सबक ना लेते हुए मेडिकल कॉलेज प्रशासन द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया। अगर ऐसा किया गया होता तो आज सारे बच्चे सही-सलामत होते। ऐसे बढ़ गई आगप्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक नीकू में आग शार्ट सर्किट की वजह से लगी है। सूत्र बताते हैं कि नीकू के एक स्विच बोर्ड में प्लग के पास स्पार्क हो रहा था। एक नर्स ने अपने तरीके से इसे ठीक करने की कोशिश भी की। इस प्रयास में वह भी जख्मी हो गई। इस दौरान ऑक्सिजन कांस्टंट्रेटर की तरफ फैलने लगी थी। वह नर्स चिल्लाते हुए बाहर आयी।फिर पवन नाम का एक पैरामेडिकल स्टाफ फायर एक्सिटंग्यूशर लेकर अंदर गया। इसके पीछे दो और कर्मचारी तीन और फायर एक्सिटंग्यूशर लेकर अंदर गए। चारों का इस्तेमाल हुआ। तब तक आग बहुत फैल चुकी थी। नीकू के रास्ते भी चौड़े नहीं थे। जिससे बाद में खिड़कियां तोड़कर बच्चों को बाहर निकाला गया। निर्माण कार्य से बचाव कार्य में दिक्कतमेडिकल कॉलेज की एसएनसीयू (स्पेशल न्यूबोर्न केयर यूनिट) के पास निर्माण कार्य चल रहा है, जिसकी वजह से पूरा रास्ता संकरा हो गया है। आग लगने की सूचना मिलने पर दमकल की कई गाड़ियां मौके पर पहुंचीं लेकिन अंदर नहीं जा सकीं। रास्ता क्षतिग्रस्त था और निर्माण सामग्री यहां-वहां पड़ी थी। दमकलकर्मियों ने पीछे के रास्ते अंदर जाने की कोशिश की लेकिन, कामयाब नहीं हुए। इसके बाद वॉर्ड की खिड़की के कांच तोड़कर किसी तरह दमकलकर्मी अंदर पहुंचे। डिप्टी सीएम ने दिए कार्रवाई के निर्देशमेडिकल कॉलेज में आगजनी की इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी अधिकारी डिप्टी सीएम की अगवानी की रस्म निभाना नहीं भूले। शनिवार तड़के करीब 3:00 बजे इमरजेंसी के पास डिप्टी सीएम के आने से पहले चूना छिड़कवाया गया। अस्पताल के परदे वगैरह भी दुरुस्त करवाए। अब इस मामले में खुद डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने झांसी के डीएम से उस व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं, जिसने यह काम करवाया था। ब्रजेश पाठक ने कहा कि उनके मेडिकल कॉलेज पहुंचने से पहले एक व्यक्ति सड़क किनारे चूना डाल रहा था, जो बेहद दुखद है। वे इसकी निंदा करते हैं और वे डीएम से उस व्यक्ति की पहचान करने के लिए कहेंगे।
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