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गाजियाबाद में मॉल से होनी थी डेढ़ करोड़ की वसूली, निगम का टैक्स 47 लाख, मेयर ने दे दिया यह आदेश

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गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से एक मॉल के कॉमर्शियल टैक्स वसूली में गड़बड़ी का मामला सामने आया है। एक ओर नगर निगम हाउस टैक्स को डीएम सर्कल रेट से लेने की तैयारी कर रहा है, वहीं दूसरी ओर मेयर की जांच में लगातार कॉमर्शियल प्रॉपर्टीज़ में टैक्स में गड़बड़ी के मामले सामने आ रहे हैं। शनिवार को मेयर ने मोहन नगर स्थित वर्ल्ड स्क्वॉयर मॉल (अब सिटी मॉल) का निरीक्षण किया। वहां जांच करने पर पता लगा कि जिस प्रकार से मॉल में कॉमर्शियल एक्टिविटीज हैं, उसके अनुसार टैक्स नहीं दिया जा रहा। मॉल पर करीब 1.50 करोड़ रुपये का टैक्स बनता है, लेकिन केवल 47 लाख का टैक्स ही लग रहा है। मेयर ने मौके पर ही नगर निगम के टैक्स विभाग की टीम को बुलाया और चेतावनी दी कि पूरे मॉल का सर्वे कर रिपोर्ट तैयार करें। इसमें तब से टैक्स लगाया जाए, जब से यह मॉल बनकर तैयार हुआ है। मेयर की ओर से बढ़ी है सख्तीनगर निगम क्षेत्र में हाउस और कॉमर्शियल टैक्स की भरपाई के लिए मेयर सुनीता दयाल की ओर से सख्ती बढ़ गई है। अब इलाकों में खुद जाकर इसका निरीक्षण कर रही हैं। जहां भी गड़बड़ी दिखाई दे रही हैं, वहां अधिकारियों के साथ खुद मौके पर पहुंच रही हैं। इसी क्रम में शनिवार को मेयर ने अधिकारियों के साथ यहां कमियां पाई। इसके बाद मेयर ने अधिकारियों को फटकार लगाई और एक्शन की मांग की। इस दौरान जोनल प्रभारी आरपी सिंह, जेई विनोद कुमार भी मौजूद रहे। मॉल में 1000 दुकानेंमेयर ने बताया कि निरीक्षण के दौरान जांच में पता लगा कि नक्शे के अनुसार, मॉल के अंदर 1000 दुकानें, 3 सिनेमा स्क्रीन, हाइपर मार्केट, बैंक्विट हॉल, पार्किंग, होटल व 70 लग्जरी रूम हैं, जो चल रहे हैं। इनसे केवल 47 लाख रुपये टैक्स ही वसूला जा रहा है। मेयर ने अधिकारियों को मौके पर बुलाकर पैमाइश के निर्देश दिए। साथ ही जल्द मॉल पर टैक्स नियमानुसार बढ़ाने की कार्यवाही के लिए भी कहा गया है। इस दौरान मेयर ने बताया कि शहर में कॉमर्शियल भवनों/व्यवसायिक भवनों पर टैक्स बहुत कम लगाया गया है, जिसकी वह खुद लगातार मॉनिटरिंग कर रही हैं। अधिकारियों के साथ मौके पर जा रही हैं। इससे नगर निगम की आय में करोड़ों रुपये की बढ़ोतरी हो रही है और गृहकर चोरी में बहुत बड़ी अनियमितता सामने आ रही है। चार मॉल समेत 10 पर संदेहमेयर और टीम का फोकस पहले मोहन नगर ज़ोन के कॉमर्शियल भवनों के हाउस टैक्स पर है। इसके बाद कवि नगर, वसुंधरा ज़ोन और बाकी अन्य ज़ोन पर होगा। मेयर का कहना है कि सभी कॉमर्शियल भवन की लिस्ट तैयार कर ली गई है। साथ ही टीम भी गठित की गई है, जो कि कमियों की जांच करेगी। अब तक जुटाई गई जानकारियों के अनुसार, चार मॉल समेत कुल 10 कॉमर्शियल भवनों में टैक्स चोरी का पता लगा है। इसमें सभी कागजों की जांच होगी। साथ ही जो भी इतने साल से बकाया टैक्स की राशि निकलेगी, उस पर पेनल्टी भी लगाई जाएगी। अब किसी भी गड़बड़ी को नहीं बख्शा जाएगा। विकास कार्य में लगेगी राशिशहर के सभी वॉर्डों में इस रकम से चौमुखी विकास भी किया जा सकेगा। मेयर ने बताया कि टैक्स से जो धनराशि आएगी, इससे रुके हुए विकास कार्य कराए जाएंगे। मेयर ने बताया कि जिस प्रकार से लगातार कॉमर्शियल प्रॉपर्टी की जांच में टैक्स में गड़बड़ी मिल रही हैं, वह काफी गंभीर मामला है। इसके लिए टैक्स विभाग की टीम को लगाया जाएगा। मेयर ने दावा किया कि अगर कॉमर्शियल प्रॉपर्टी से सही टैक्स लिया जाएगा तो आम लोगों के हाउस टैक्स पर जो डीएम सर्कल रेट लगाने के प्रयास हो रहे हैं, उसकी जरूरत नहीं होगी। नगर निगम बोर्ड आम आदमी पर टैक्स का अतिरिक्त बोझ नहीं डालना चाहता है।
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