Top News
Next Story
NewsPoint

भारत ने आर्मेनिया को दिया 'हवाई कवच', पाकिस्तान के दोस्त अजरबैजान की मुश्किल बढ़ाएगा आकाश मिसाइल सिस्टम, जानें ताकत

Send Push
येरेवन: भारत ने डिफेंस एक्सपोर्ट (रक्षा निर्यात) में बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए आर्मेनिया को पहली आकाश वेपन सिस्टम बैटरी भेज दी है। रक्षा मंत्रालय में डिफेंस प्रोडक्शन के सेक्रेटरी संजीव कुमार ने बैटरी को आर्मेनिया के लिए रवाना किया। भारत से निर्यात की जाने वाली यह दूसरी मिसाइल प्रणाली है। भारत से मिला एयर डिफेंस सिस्टम आर्मेनिया के लिए अजरबैजान से लड़ाई में मददार साबित होगा। अजरबैजान को लगातार पाकिस्तान से हथियार मिल रहे हैं, जिनका इस्तेमाल वह आर्मेनिया के खिलाफ कर रहा है।आकाश को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने बनाया है, ये सतह से हवा में मार करने वाला मिसाइल सिस्टम (एसएएम) है। आकाश लड़ाकू विमानों, मिसाइल, ड्रोन और दूसरे हवाई टारगेट को 25 किमी की सीमा तक निशाना बना सकती है। भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) में मैन्युफैक्चर आकाश वेपन सिस्टम की एक बैटरी में राजेंद्र 3डी पैसिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड एरे रडार और तीन मिसाइलों वाले चार लांचर हैं, जो सभी आपस में जुड़े हैं। भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने कहा है कि यह कार्यक्रम रक्षा प्रौद्योगिकी और विनिर्माण में भारत की बढ़ती क्षमताओं को दर्शाता है। 2020 में मिली थी निर्यात को मंजूरीभारत सरकार ने दिसंबर 2020 में आकाश मिसाइल सिस्टम के निर्यात को मंजूरी दे दी है। 2022 में आर्मेनिया ने 6,000 करोड़ रुपए की लागत से 15 आकाश मिसाइल सिस्टम खरीदने के लिए भारत के साथ एक समझौता किया था। आर्मेनिया इस मिसाइल सिस्टम को खरीदने वाला पहला विदेशी देश है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के मुताबिक इस मिसाइल प्रणाली में 96 प्रतिशत स्वदेशी घटक हैं। इसे 2014 में भारतीय वायु सेना और 2015 में भारतीय सेना में शामिल किया गया था।आकाश मिसाइल प्रणाली को आसानी से एक से दूसरी जगह ले जाया जा सकता है। इसे पहिएदार और ट्रैक किए गए वाहनों पर तैनात किया जा सकता है। बीईएल ने कहा कि इसने सर्विलांस रडार, मिसाइल गाइडेंस रडार और C4I सिस्टम सहित प्रमुख ग्राउंड सपोर्ट उपकरण प्रदान करके इस उपलब्धि में योगदान दिया है। भारत का बढ़ता हथियार निर्यातभारत ने 2022 में भारत ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की आपूर्ति के लिए फिलीपींस के साथ एक और बड़े रक्षा निर्यात सौदे की घोषणा की थी। फिलीपींस को इस साल अप्रैल में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का पहला बैच मिला, जो भारत के पहले बड़े रक्षा निर्यात सौदे को दिखाता है। वियतनाम, मिस्र और फिलीपींस जैसे देशों ने आकाश हथियार प्रणाली में भी रुचि दिखाई है। आर्मेनिया और अजरबैजान में तनाव की वजह से दोनों देश हथियार और सिस्टम हासिल कर रहे हैं। आर्मेनिया को रूस से पिछले एक दशक में ज्यादातर हथियार और गोला-बारूद मिला है लेकिन हालिया वर्षों में भारत की तरफ भी उसने रुख किया है। वहीं अजरबैजान को तुर्की, पाकिस्तान से हथियार मिल रहे हैं।
Explore more on Newspoint
Loving Newspoint? Download the app now