नई दिल्ली: हम जब भी मुर्गियों के फार्म के बारे में सोचते हैं तो ख्याल आता है बड़े-बड़े पिंजरे और उनके कैद सैकड़ों मुर्गियां। अंडे खाने के शौकीन इन मुर्गियों के अंडे बड़े चाव से खाते हैं। लेकिन क्या सभी सोचा है कि पिंजरे में कैद मुर्गियों के अंडों की गुणवत्ता कैसी होगी? क्या आपने ऑर्गेनिक अंडों के बारे में सुना है?जिस प्रकार हम ऑर्गेनिक सब्जियों और फलों के बारे में सुनते हैं, उनके बारे में जानते हैं, उन्हें इस्तेमाल करते हैं, ठीक उसी प्रकार मुर्गियों के ऑर्गेनिक अंडे भी होते हैं। आप सोच रहे होंगे कि मुर्गियों के ऑर्गेनिक अंडे! यह कैसे संभव है? इसे संभव कर दिखाया है मंजूनाथ मरप्पन और अशोक कन्नन ने। ये मुर्गियों के ऑर्गेनिक अंडे बेचकर सालाना करोड़ों रुपये की कमाई कर रहे हैं। ओमेगा 3 से भरपूर अंडेमंजूनाथ मरप्पन और अशोक कन्नन ने पारंपरिक पोल्ट्री फार्मिंग की जगह नए तरीके से इस बिजनेस के बारे में सोचा। उन्होंने हैप्पी हेन्स के नाम से साल 2014 में बेंगलुरु में फार्म बनाया। यह भारत का पहला फ्री-रेंज फार्म था। यह फ्री-रेंज पोल्ट्री फार्म है। यहां मुर्गियों को पिंजरे में कैद करके नहीं रखा जाता। मुर्गियों खुले में हर तरफ घूमती हैं। उनके इस फार्म में आज मुर्गियां रोजाना करीब 20 हजार अंडे देती हैं। इनकी कीमत प्रति अंडा 25 रुपये है। ये पौष्टिक ऑर्गेनिक अंडे ओमेगा 3, प्रोटीन और विटामिन से भरपूर होते हैं। कई किसानों के साथ समझौतामंजूनाथ कहते हैं कि वे फ्रेंचाइजी मॉडल पर काम करते हैं। उन्होंने महाराष्ट्र के नासिक, तेलंगाना के हैदराबाद और तमिलनाडु के त्रिची और पेरम्बलुर में 11 किसानों के साथ साझेदारी की है।मंजूनाथ बताते हैं कि वे अपने कारोबार के लिए छोटे पोल्ट्री किसानों के साथ साझेदारी करते हैं। इस दौरान वे उन्हें ट्रेनिंग देते हैं कि मुर्गियों को बिना कोई एंटीबायोटिक दिए उनसे ऑर्गेनिक अंडों का प्रोडक्शन कैसे करवाया जा सकता है। कई चीजों से तैयार होता है चारामंजूनाथ अपने फार्म में मुर्गियों की इम्यूनिटी बढ़ाने वाला चारा भी तैयार करते हैं। इस चारे को वे उन किसानों को देते हैं, जिनके साथ वह अंडों के लिए साझेदारी करते हैं। वे उन किसानों से उन मुर्गियों के अंडों को खरीदते हैं। मुर्गियों को दिए जाने वाला चारा कई चीजों से तैयार होता है। अशोक कहते हैं कि वह मुर्गियों के चारे में अलसी के बीज मिलाते हैं ताकि अंडों में ओमेगा 3 की मात्रा बढ़ जाए। अशोक कहते हैं कि चारे में मौसमी बीमारियों से लड़ने वाली जड़ी-बूटियां शामिल होती हैं। साथ ही सभी चारे का टेस्ट किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे एंटीबायोटिक अवशेषों से मुक्त हैं। सालाना करोड़ों की कमाईइन्हें कारोबार से सालाना करीब 8 करोड़ रुपये की कमाई हो रही है। मंजूनाथ कहते हैं कि जहां आम अंडों की कीमत छह पीस के पैक के लिए 60-70 रुपये होती है वहीं हैप्पी हेन्स के 6 अंडों के पैक की कीमत 150 रुपये है। वे बताते हैं अगर कोई कस्टमर मेंबरशिप लेता है तो उसे 40 फीसदी की छूट दी जाती है। वे इन अंडों की पूरे बेंगलुरु में डिलीवरी करते हैं।
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