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Bihar Jamin Survey: बिहार में फर्जी जमाबंदी और म्युटेशन का 'खेल', एस सिद्धार्थ का टीचर निकला मास्टरमाइंड

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पश्चिमी चंपारण: बिहार के बगहा में जमीन के फर्जी कागजात बनाने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। सीओ नर्मदा श्रीवास्तव को मिली गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी कर गिरोह के सरगना और सरकारी शिक्षक किशुनदेव प्रसाद और उनके साथी खोभारी साह को गिरफ्तार किया गया है। गिरोह का एक सदस्य योगेश साह फरार है। यह गिरोह भोले-भाले ग्रामीणों को अपना शिकार बनाता था। जमीन के कागजात में सुधार, म्युटेशन और रसीद काटने के नाम पर लाखों रुपये ऐंठता था। फिर फर्जी दस्तावेज बनाकर जमीन की फर्जी मालिकी देने का लालच देता था। सरकारी शिक्षक गिरोह का सरगनाजानकारी के अनुसार, यह गिरोह चौतरवा थाना क्षेत्र के योगेश कुमार साह के घर से चल रहा था। सीओ और पुलिस ने संयुक्त छापेमारी में कंप्यूटर, मोबाइल और कई फर्जी जमीन के कागजात बरामद किए हैं। गिरफ्तार आरोपियों में धनहा थाने के डीही में शिक्षक किशुनदेव प्रसाद और बैरिया थाने के तधवा नंदपुर गांव के मुकेश कुमार शामिल हैं। सीओ ने बताया कि दोनों ने कई ग्रामीणों को ठगा है। चौतरवा थाना के पतिलार हाटा टोला की सत्यनारायण कोइरी की पत्नी सहोद्रा देवी ने जमीन के कागजात के लिए 19 हजार रुपये दिए थे। पतिलार के असर्फी यादव के बेटे कमलेश यादव ने 20 हजार रुपये और लगुनाहा के किशोर यादव ने 20 हजार रुपये दिए थे। गिरोह ने और भी कई लोगों से ठगी की है। लाखों रुपये ठग चुका है गिरोहसीओ नर्मदा श्रीवास्तव ने कहा कि यह गिरोह कई लोगों को झांसे में लेकर उनसे लाखों रुपए ठग चुका है। शुरुआती जांच में पता चला है कि यह गिरोह काफी समय से सक्रिय था और इसके तार अन्य इलाकों से भी जुड़े हो सकते हैं। वहीं, चौतरवा थाना के थानाध्यक्ष संजीत कुमार ने कहा कि एसआई प्रमोद कुमार, आरओ विकास कुमार और सीओ नर्मदा श्रीवास्तव की टीम मामले की जांच कर रही है। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर गिरोह के अन्य सदस्यों की पहचान की जा रही है।
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