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Opinion: खिलजी का नालंदा नहीं, नीतीश की राजगीर में आपका स्वागत है!

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नालंदा: बिहारी अस्मिता 'नालंदा' को तहस-नहस करने वाला बख्तियार खिलजी अगर आज जिंदा होता तो उसे नीतीश कुमार की राजगीर को देखकर रश्क होती। नालंदा विश्वविद्यालय के गेट को देखकर कुछ ऐसा ही लगा, जिस पर लिखा था मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स, गर्वमेंट ऑफ इंडिया। करीब-करीब सवा आठ सौ साल पहले जिस नालंदा को उसने तहस-नहस किया था, वो आबाद हो रहा है। बिहार-बंगाल के सांस्कृतिक विरासतों को बर्बाद करने वाला मोहम्मद बख्तियार खिलजी गोर स्थान (आधुनिक अफगानिस्तान) का जन्मजात लुटेरा था। फिर लुटेरों के सरकार मोहम्मद गोरी के गैंग में शामिल हो गया। खैर, खिलजी का आखिर बॉस कुतुबुद्दीन ऐबक था। अंत में चाकू से गोदकर अली मरदान नाम के एक शख्स ने उसकी जान ले ली। मगर, आज बात नीतीश की राजगीर की होगी, जिसके वो आर्किटेक्ट और क्रिएटर हैं। ऐसा है हमारा राजगीर...राजगीर के इन्फ्रास्ट्रक्चर को देखकर ऐसा महसूस होता है हजारों साल पुराने डिजाइन की आधुनिक आर्किटेक्ट से मिल-मिलाप हो रहा है। मोटी-मोटी लाल रंग की दीवारें और कम ऊंचाई वाली बिल्डिंग तमाम आधुनिक सुविधाओं से लैश। दरअसल, राजगीर में महिला हॉकी एशियन चैंपियनशिप (भारत, मलेशिया, दक्षिण कोरिया, जापान, थाईलैंड और चीन) चल रहा है। इस टूर्नामेंट को देखने के लिए स्पेशली पटना से गया था, इससे पहले कभी राजगीर नहीं गया था। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जुड़ी खबरों के जरिए ही राजगीर को देखा और समझा था। बिहार में शानदार हॉकी टूर्नामेंटमगर, नीतीश की राजगीर ने दिल जीत लिया। राजगीर रेलवे स्टेशन पर कुछ कंस्ट्रक्शन वर्क चल रहा है। स्टेशन से 2-3 किलोमीटर दूर बिहार खेल विश्वविद्यालय कैंपस है। इसमें हर तरह के स्पोर्ट्स के एकेडमी है। इसमें एक आधुनिक हॉकी स्टेडियम तैयार कराया गया है। इसी स्टेडियम में महिला हॉकी एशियन चैंपियनशिप टूर्नामेंट चल रहा है। बिल्कुल शानदार आयोजन। उतने ही शानदार हॉकी के चाहने वाले लोग। स्टेडियम खचाखच भरा हुआ। इंडिया-इंडिया का शोर इतना कि पूरे स्टेडियम के माहौल में जोश तैर रहा हो। मेरे आंखों से सामने महिला हॉकी की इंडियन टीम ने चीन की टीम को 3-0 से हरा दिया। इसके बाद के माहौल का आप सिर्फ एक बार कल्पना करके देख लीजिए। अब फुटबॉल और क्रिकेट की बारीदरअसल, क्रिकेट में जिस तरह इंडिया-पाकिस्तान के मैच का क्रेज दोनों देशों में है, कुछ इसी तरह का रोमांच इंडिया-चीन के हॉकी मैच का होता है। मुझको लगता है कि पूरे देश की तरह बिहार के आम लोगों को भी हॉकी खेल के तकनीकी पक्ष के बारे में बहुत कम ही जानकारी होगी। फिर भी पूरा स्टेडियम खचखच भरा हुआ था। महिला, बच्चे, बुजुर्ग, नौजवान हर तरह की क्राउड दिखी। मैं भी हॉकी खेल के तकनीक के बारे में बहुत कम ही जानकारी रखता हूं। मगर, गोल करना और जीत-हार का मतलब बखूबी सभी को पता होता है। हॉकी मैच में भोजपुरी का तड़काराजगीर में चल रहे महिला हॉकी एशियन चैंपियनशिप में 15-15 मिनट के चार राउंड के ब्रेक में जब हिंदी और भोजपुरी गाने जोशीले अनाउंस के साथ बजाए जाते तो पूरा ग्राउंड झूम उठता था। अपनी एटीट्यूड के बदनाम पुलिसवाले भी माहौल को एनजॉए करते दिखे। ऐसा लगता था कि वो किसी को डिस्टर्ब करने की मूड में बिल्कुल नहीं है। वो बस चुपचाप खड़े हो कर चारों तरफ देख रहे थे, वो भी उसका लुत्फ उठा रहे थे। बिहार स्टेट स्पोर्ट्स एसोसिएशन की ओर से हॉकी टूर्नामेंट का शानदार आयोजन है। 'हॉकी का पर्व, बिहार गर्व'आमतौर पर इस तरह के आयोजनों में क्राउंड मैनेजमेंट, खाने-पीने और बैठने-उठने की इंतजामों की शिकायतें रहती है। राजगीर में भी 6 देशों के मीडिया प्रतिनिधि इस टूर्नामेंट को कवर करने पहुंचे हैं। सभी के लिए कैफेटेरिया का शानदार इंतजाम किया गया है। 'हॉकी का पर्व, बिहार गर्व' इसी थीम पर महिला हॉकी एशियन चैंपियनशिप का आयोजन राजगीर में हो रहा। हमारे राष्ट्रीय खेल हॉकी को कवर करने देश-दुनिया से आए नामचीन पत्रकारों से बात हुई तो उनका एक ही रिएक्शन था कि उन्हें यकीन नहीं हो रहा कि ये बिहार में हो रहा है। ये वाकई बिहार के लिए गर्व की बात है। मेरे समेत सभी के लिए 'हॉकी का पर्व, बिहार गर्व'। स्वागत करने के लिए राजगीर तैयारमैच खत्म होने के बाद हॉकी स्टेडियम से बाहर निकला तो देखा कि बगल वाले ब्लॉक में शानदार स्वीमिंग पूल तैयार है। उसके बगल में फुटबॉल का ग्राउंड लगभग रेडी है। फुटबॉल ग्राउंड के चारों तरफ रनिंग ट्रैक पर कुछ लोग दौड़ रहे हैं। सभी जगह हाई मास्ट लाइटें लगी हुई है। मतलब, रात-दिन का फर्क मिटाने का पूरा इंतजाम। स्थानीय पत्रकारों से बात हुई तो उन्होंने बताया कि अब आपको फुटबॉल ही नहीं, क्रिकेट स्टेडियम भी बहुत जल्द तैयार हो जाएगा। क्रिकेट मैच देखने के लिए भी आप राजगीर आइएगा, आपका हमलोग स्वागत करेंगे। फिर पूरे रास्ते राजगीर से जुड़ी कल्पनाओं के साथ आधी रात को पटना पहुंचा।
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