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MP में बिजली बिल बकाए पर कंपनी सख्त, मंदसौर में 12 करोड़ वसूली के लिए 1240 खाते करा दिए फ्रीज, 1850 के कनेक्शन कट

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मंदसौर: बीते 2 महीने से बिजली कंपनी बकायादारों को लेकर सख्ती हो रही है। इसकी वजह है जिले के 27 हजार 737 किसानों पर कंपनी के 12 करोड़ रुपए बकाया हैं। अब बिजली कम्पनी ने सख्ती दिखाते हुए 2 माह में ही 1850 कनेक्शन काट दिए हैं।इसके साथ ही बैंकों के जरिए 1240 किसानों के खातों से लेन-देन रोकने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी, ताकि किसान बिजली बकाया जल्द से जल्द निपटाए। संपत्ति कुर्क की होगी कार्रवाईजो लंबे समय से बकायादार हैं, उनके खिलाफ आने वाले समय में न्यायालय के जरिए ट्रैक्टर, वाहन सहित अन्य संपत्ति कुर्क की कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों के नोटिस देने के बाद भी अधिकांश बकायादारों ने राशि नहीं चुकाई। इसके अलावा 8 से 10 बार संबंधित क्षेत्र के लाइनमैन से सूचना भिजवाई है। किसानों की बढ़ेगी परेशानी इधर बिजली कनेक्शन नही होने से रबी सीजन की खेती में भी किसानों को परेशानी आना तय माना जा रहा है। मप्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के जिले में घरेलू, कमर्शियल, औद्योगिक, कृषि जैसी सभी प्रकार की श्रेणी मिलाकर 3 लाख से अधिक बिजली कनेक्शन हैं। इनमें से केवल कृषि कनेक्शन वाले किसानों की तादाद 1 लाख 15 हजार है। इन विकासखंड में बकायाकंपनी ने पिछले दिनों ही जिले के पांचों विकासखंडों मंदसौर, सीतामऊ, मल्हारगढ़, गरोठ व भानपुरा स्थित केंद्रों के बकायादारों की सूची निकाली थी। इसमें सामने आया था कि 6 माह से लेकर 3 साल तक की अवधि में जिले में 27 हजार 737 किसानों ने बिजली बिलों का भुगतान नहीं किया। ये बकाया राशि 12 करोड़ रुपए से अधिक हो चुकी है। चेताने के बाद भी भुगतान न करने पर कंपनी ने प्रारंभिक तौर पर 1890 कनेक्शन काट दिए हैं। बैंकों के जरिए अब तक 1240 खातों से ट्रांजेक्शन रोकने जैसी कार्रवाई की है। रबी की फसल होगी प्रभावितइधर किसानों के लिए चिंता की बात ये है कि रबी सीजन में भी बिजली न होने की परेशानी बरकरार रहेगी। बिजली कनेक्शन न होने से रबी सीजन की खेती में आ सकती परेशानी। किसानों पर राशि बकाया होना नई बात नहींखास बात ये है कि किसानों का किसी भी विभाग में बकायादार होना जिले में नया विषय नहीं है। अकेले जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मंदसौर-नीमच जिले में मिलाकर ही डिफॉल्टरों की तादाद 36,754 है। इनमें से 9012 किसान तो खरीफ सीजन 2023-24 में ही डिफॉल्टर हुए हैं। ये 30 अप्रैल तक 67.74 करोड़ की राशि नहीं चुका सके थे। (रिपोर्ट- राकेश राठौर)
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