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फिरोजाबाद: एडल्ट की तरह चला मुकदमा, गैंगरेप मामले में नाबालिग को हुई उम्रकैद की सजा

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दीपक लावनिया, फिरोजाबाद: उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में गैंगरेप के लिए किशोर को वयस्क की तरह ट्रायन का सामना करना पड़ा और दोषी के खिलाफ सजा का ऐलान हुआ है। 20 वर्षीय एक व्यक्ति को 2021 में 10 वर्षीय लड़की के साथ गैंगरेप के लिए फिरोजाबाद की एक विशेष पोक्सो अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। किशोर न्याय बोर्ड ने उस समय 17 वर्षीय अपराधी के मामले को विशेष अदालत को भेज दिया था। बोर्ड ने यह निर्धारित करने के बाद कि उस पर वयस्क की तरह मुकदमा चलाया जाना चाहिए, क्योंकि उसके पास अपने अपराध के परिणामों को समझने की मानसिक और शारीरिक क्षमता थी। इसके बाद उस पर मुकदमा चलाया गया।15 मार्च 2021 को गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया गया था। उस समय पीड़िता 10 वर्ष की थी। वह खेल रही थी। इसी दौरान एक पड़ोसी के घर में चली गई, जिसने अपने दोस्त के साथ मिलकर उसका रेप किया। जब लड़की का भाई उसे खोजते हुए पहुंचा तो दोनों भाग गए। परिवार ने गैंगरेप का मामला दर्ज कराते हुए उत्तर पुलिस स्टेशन में घटना की सूचना दी। जांच के बाद पुलिस ने दो नाबालिगों के खिलाफ आरोप दर्ज किए। जुबेनाइल जस्टिस बोर्ड ने 17 वर्षीय पड़ोसी के मामले को अलग किया। जेजेबी ने रेफर किया था मामलाकिशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) ने पहले कहा था कि दोनों अपराधी नाबालिग हैं, लेकिन उसने 17 वर्षीय पड़ोसी के मामले को अलग कर दिया। उसे विशेष पोक्सो अदालत में भेज दिया गया। वहीं, जेजेबी अभी भी दूसरे आरोपी के मामले की सुनवाई कर रही है। किशोर न्याय अधिनियम जघन्य अपराधों से जुड़े मामलों में नाबालिगों पर वयस्कों की तरह मुकदमा चलाने की अनुमति देता है। दोषी के मूल्यांकन के आधार पर, अदालत ने उसे वयस्क के रूप में मुकदमा चलाने का फैसला किया, जबकि दूसरे आरोपी पर जेजेबी अदालत में मुकदमा चल रहा है। इस मामले में अभी फैसला नहीं आया है। 9 गवाहों की हुई गवाहीविशेष लोक अभियोजक संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि इस मामले में 9 गवाहों ने गवाही दी। फॉरेंसिक और मेडिकल रिपोर्ट को अदालत में सबूत के तौर पर पेश किया गया। विशेष न्यायाधीश मुमताज अली की अदालत ने आरोपी को आईपीसी की धारा 376 डीए (16 साल से कम उम्र की महिलाओं के साथ गैंगरेप) और पोक्सो अधिनियम की धारा 5केएम/6 के तहत दोषी ठहराया। अदालत ने आरोपी को दोनों धाराओं के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई। दोषी पर 20,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। जुर्माना रशि पीड़िता को सौंप दिया जाएगा। अगर आरोपी जुर्माना नहीं भरता है तो उसे जेल में अधिक समय बिताना होगा।
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