भीलवाड़ा: राजस्थान के भीलवाड़ा में बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री की कथा सुनने के लिए उमड़ी भीड़ में उस समय भगदड़ मच गई जब वीआईपी गेट पर लोगों को अंदर नहीं जाने दिया गया। इस घटना में सात लोग घायल हो गए, जिनमें कई महिलाएं भी शामिल हैं। लोगों का आरोप है कि आयोजकों ने वीआईपी पास जारी तो किए, लेकिन व्यवस्था ठीक से नहीं की। धीरेंद्र शास्त्री की कथा में भगदड़धीरेंद्र शास्त्री की कथा सुनने के लिए लोग उत्सुक थे और बड़ी संख्या में वीआईपी पास के साथ वीआईपी गेट पर पहुंचे। लेकिन जब एंट्री देने की बारी आई तो आयोजकों ने कई लोगों को रोक दिया। इससे वहां मौजूद लोगों और सुरक्षाकर्मियों के बीच कहासुनी और धक्का-मुक्की शुरू हो गई। देखते ही देखते भगदड़ मच गई और कई लोग गिर गए। VIP में बैठने की जगह नहीं थी तो पास क्यों जारी किए गए?घायल हुई चंद्रकला सोमानी ने बताया, 'हमारे पास वीआईपी पास है मगर जब हम अंदर जाने लगे तो हमें वापस बाहर निकाल दिया। जिसके कारण वहां कुछ समय के लिए अफरा-तफरी मच गई।' उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, 'यदी वीआईपी में बैठने की जगह नहीं थी तो पास इतने जारी क्यों किए गए। अभी हमारी जान चली जाती तो इनका क्या जाता। पुलिस वाले भी हमसे बदतमिजी कर रहे है।' कुछ लोगों ने बनवाए फर्जी पासइस घटना पर नाराजगी जताते हुए काठिया वाले बाबा महंत बनवारीशरण ने कहा, 'पुलिस और प्रशासन सुरक्षा कर रहे हैं, यह अच्छी बात है मगर जो यह मनमानी की जा रही है वह गलत बात है। हमसे वीआईपी पास को लेकर भी कोई चर्चा नहीं की गई थी।' वहीं, कथा समिति के संयोजक आशीष का कहना है कि कुछ लोगों ने फर्जी पास बनवा लिए थे, जिसके चलते यह दिक्कत हुई। इस घटना ने आयोजकों की लापरवाही की पोल खोल दी है। लोगों का गुस्सा वाजिब है क्योंकि वीआईपी पास होने के बावजूद उन्हें अपमानित होना पड़ा और कई लोग घायल भी हो गए।
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