संदिग्ध हत्यारे ने अपनी मौत से पहले लिखे नोट में इसकी जानकारी दी है. उसने यह क्रूर अपराध इसलिए किया क्योंकि वह महालक्ष्मी के व्यवहार से तंग आ चुका था. पुलिस ने पीड़िता महालक्ष्मी के सहकर्मी मुक्ति रंजन रॉय का लिखा सुसाइड नोट बरामद कर लिया है. इस नोट में उसने बेंगलुरु शहर को हिला देने वाले भयानक अपराध को कबूल किया है.
सूत्रों ने बताया कि सुसाइड नोट उसकी डायरी में लिखा गया था. आरोपी ने अपनी डायरी में लिखा था, "मैंने 3 सितंबर को अपनी प्रेमिका महालक्ष्मी की हत्या कर दी है." सूत्रों ने बताया कि उसने नोट में यह भी लिखा कि वह उसके घर गया था और उसकी 3 सितंबर को हत्या कर दी. उसने कहा था, "मैं उसके व्यवहार से तंग आ चुका था. मैंने निजी मामलों को लेकर उससे झगड़ा किया और महालक्ष्मी ने मुझ पर हमला किया. उसके कृत्य से क्रोधित होकर मैंने उसे मार डाला. उसकी हत्या करने के बाद मैंने उसके शरीर के 59 टुकड़े किए और उन्हें फ्रिज में रख दिया."
पुलिस, हत्यारे मुक्ति रंजन रॉय के बारे में जानकारी जुटा रही थी, तभी उसे यह नोट मिला. रॉय ने बुधवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. वह ओडिशा के भद्रक जिले के एक गांव में पेड़ से लटका हुआ मिला था. पुलिस सूत्रों ने बताया, "संदिग्ध हत्यारा बुधवार को पांडी गांव पहुंचा था और घर पर ही रुका था. वह दोपहिया वाहन पर घर से निकला था. स्थानीय लोगों को उसका शव मिला." मुक्ति रंजन हत्या की घटना के बाद से लापता था. कर्नाटक पुलिस ने उसकी तलाश के लिए चार टीमें ओडिशा भेजी थीं. संदिग्ध हत्यारे ने 1 सितंबर से काम पर आना बंद कर दिया था. महालक्ष्मी का काम का आखिरी दिन भी 1 सितंबर को ही था.
पुलिस ने कहा कि संदिग्ध हत्यारा वहां टीम का हेड था जहां महालक्ष्मी काम करती थी. हत्या का मामला पिछले शनिवार को तब सामने आया जब पड़ोसियों ने दो दिनों से महालक्ष्मी के घर से दुर्गंध आती देखी और इसकी सूचना उसके परिजनों को दी. पुलिस ने बताया कि महालक्ष्मी की मां और बहन शनिवार को उसके घर पहुंची और उन्होंने यह खौफनाक मंजर देखा. महालक्ष्मी की हत्या कर दी गई थी, उसके शव को कई टुकड़ों में काटकर फ्रिज में रख दिया गया था.
हालांकि फ्रिज चालू था, लेकिन शव में कीड़े लग गए थे. फ्रिज के पास एक सूटकेस मिला. पुलिस को संदेह है कि महालक्ष्मी की हत्या महीने की शुरुआत में की गई और उसके शव को चाकू जैसे किसी धारदार हथियार से टुकड़ों में काटा गया था. त्रिपुरा की रहने वाली महालक्ष्मी बेंगलुरु के एक मशहूर मॉल में काम करती थी. जिस इलाके में महालक्ष्मी पिछले पांच महीने से रह रही थी, वहां के लोगों के मुताबिक, वह अकेली रहती थी और अपने पड़ोसियों से ज्यादा घुलती-मिलती नहीं थी. कुछ दिनों तक उसका भाई उसके साथ रहा. पुलिस को यह भी पता चला है कि वह शादीशुदा थी और उसका एक बच्चा भी था, लेकिन वह अलग रहती थी.
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