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हार्ट अटैक: हमेशा साथ रखें 7 रुपये की ये किट, हार्ट अटैक आने पर मिलेगी संजीवनी

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देश में हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कोरोना काल के बाद से इसका असर तेजी से बढ़ा है. चिंता की बात यह है कि अब युवाओं में हार्ट अटैक के मामले बढ़ रहे हैं और सर्दियों के मौसम में यह समस्या और भी गंभीर हो जाती है। ज्यादातर मामलों में दिल का दौरा पड़ने के बाद मरीज की अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत हो जाती है, जिससे पता चलता है कि दिल का दौरा पड़ने पर तत्काल और प्राथमिक उपचार की जानकारी का अभाव जान बचाने में बाधक बन रहा है।

इस समस्या को समझते हुए एलपीएस कार्डियोलॉजी हॉस्पिटल, कानपुर के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरज कुमार ने एक सस्ता और सरल ‘राम किट’ विकसित किया है। यह किट मात्र रु. 7 उपलब्ध है और इसमें दिल के दौरे की तीन आवश्यक दवाएं शामिल हैं: इकोस्प्रिन, सॉर्बिट्रेट और रोसुवैस 20।

रैम किट नाम क्यों?
डॉ. नीरज कुमार कहते हैं कि हार्ट अटैक की स्थिति में अगर मरीज इन तीन दवाओं का सेवन कर ले तो उसकी जान बचाने की संभावना काफी बढ़ जाती है. इस किट का नाम ‘राम किट’ रखा गया है ताकि संकट के समय लोग आसानी से दवा का नाम याद रख सकें और तुरंत इसका इस्तेमाल कर सकें। ‘राम किट’ नाम का उद्देश्य लोगों के बीच भावनात्मक संबंध बनाना भी है, ताकि वे इस किट के बारे में अधिक जागरूक और आश्वस्त महसूस कर सकें।

कैसे काम करती है यह दवा
दिल का दौरा पड़ने पर इस किट का उपयोग करना बहुत आसान है। इकोस्प्रिन रक्त को पतला करने में मदद करता है, जिससे हृदय में रक्त का प्रवाह बेहतर होता है। सॉर्बिट्रेट गोलियां दिल को तुरंत राहत पहुंचाती हैं और रोसुवैस 20 कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक है। यदि सही समय पर उपयोग किया जाए तो इन दवाओं का संयोजन जीवन रक्षक हो सकता है।

नियमित रूप से न करें किट का उपयोग
डॉ. नीरज कुमार का कहना है कि इस किट का उपयोग नियमित रूप से नहीं, बल्कि हार्ट अटैक की आपात स्थिति में ही करना चाहिए। इसके साथ ही वह अपने अस्पताल में भर्ती मरीजों को मानसिक शांति देने के लिए उन्हें धार्मिक किताबें भी मुहैया कराते हैं, ताकि वे शांति और सकारात्मकता का अनुभव कर सकें।

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