Top News
Next Story
NewsPoint

एसडीएम थप्पड़ कांड: निर्दलीय प्रत्याशी ने एसडीएम को मारा थप्पड़, टोंक में भारी बवाल, 100 गाड़ियां फूंकी, 15 पुलिसकर्मी घायल

Send Push

राजस्थान के टोंक जिले के समरावता गांव में बुधवार को हुई हिंसा के बाद तनाव का माहौल है. गांव में बड़े पैमाने पर पुलिसकर्मी तैनात किये गये हैं. पुलिस टीमें गांव और आसपास के इलाकों में गश्त कर रही हैं। विधानसभा उपचुनाव के निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा के समर्थकों और पुलिस के बीच बुधवार को झड़प हो गई. आरोप है कि नरेश मीना के समर्थकों ने पुलिस पर पथराव कर दिया. आग लग गयी थी. जवाब में पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और हवा में करीब 100 राउंड फायरिंग की.

15 पुलिसकर्मी घायल
इस बीच उपद्रवियों ने बाइक और कारों में आग लगा दी. मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि 100 से ज्यादा दोपहिया और चारपहिया वाहन जला दिए गए. पथराव में 15 पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं. वहीं पुलिस ने नरेश मीणा के करीब 60 समर्थकों को हिरासत में लिया है. इस मामले में नरेश मीणा के खिलाफ नगरकोट थाने में 4 मुकदमे दर्ज किए गए हैं. हिंसा की घटना में कई ग्रामीण भी घायल हुए हैं.

टोंक के बवाल पर सवाल
टोंक के समरावता गांव में बनी अराजक स्थिति ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं कि आखिर नरेश मीणा की गिरफ्तारी कब होगी. बीती रात बाबल में 15 से ज्यादा पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए. आखिर पुलिस के हाथ किसने बांधे? नरेश मीना पुलिस से कैसे बच गया?

 

आरएएस एसोसिएशन ने की हड़ताल की घोषणा
उधर, आरएएस एसोसिएशन ने घोषणा की है कि नरेश की गिरफ्तारी होने तक आज से पैन नेट डाउन हड़ताल जारी रहेगी. टोंक समरावता गांव में हालात इतने गंभीर हो गए कि देर रात अजमेर के डीआइजी समेत पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे. डीआइजी अजमेर ओमप्रकाश के साथ पुलिस अधीक्षक विकास सांगवान भी थे। टोंक, बूंदी, सवाई माधोपुर, धौलपुर सहित कई जिलों से अतिरिक्त पुलिसकर्मी पहुंचे. एसटीएफ की टीमें भी लगाई गई हैं. गांव में चप्पे-चप्पे पर हथियारबंद पुलिसकर्मी तैनात हैं. समरावता गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया है.

क्या है मामला
बुधवार को टोंक के देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र में मतदान था. इसी बीच दोपहर करीब 1 बजे निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीना ने मालपुरा एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया. इस पर मीना की वहां मौजूद पुलिस अधिकारियों से नोकझोंक हो गई। नरेश मीणा पर जबरन पोलिंग बूथ में घुसने का आरोप था. मीना ने तर्क दिया कि गांव के लोगों ने उपमहाद्वीप मुख्यालय को स्थानांतरित करने के मुद्दे पर मतदान का बहिष्कार किया था लेकिन प्रशासनिक अधिकारी लोगों पर मतदान करने के लिए दबाव डाल रहे थे. मैंने इसका विरोध किया. इसके बाद बूथ पर हंगामा मच गया. दोपहर साढ़े तीन बजे मतदान दोबारा शुरू हुआ जो शाम सात बजे तक जारी रहा।

ये थप्पड़ ही इस बकवास की जड़ है. राजस्थान प्रशासनिक सेवा अधिकारी संघ ने नरेश मीना की गिरफ्तारी की मांग की है. वहीं, मीना ने प्रशासन को चुनौती देते हुए गांव में धरना दिया. उन्होंने अपने समर्थकों से बड़ी संख्या में लाठी-डंडे लेकर समरावता गांव में इकट्ठा होने को कहा. ताकि प्रशासन पर दबाव बनाया जा सके. फिर जब पुलिस नरेश मीणा को गिरफ्तार करने गई तो पुलिस पर हमला कर दिया गया.

Explore more on Newspoint
Loving Newspoint? Download the app now