जयपुर, 26 सितंबर (हि.स.)। दिल्ली हाईकोर्ट ने पूर्व मंत्री महेश जोशी के बेटे रोहित जोशी के खिलाफ दुष्कर्म के मामले में फिलहाल राहत नहीं दी है। इसके साथ ही अदालत ने मामले में दिल्ली पुलिस से जवाब मांगते हुए प्रकरण की सुनवाई 25 अक्टूबर को तय की है। अदालत ने यह आदेश रोहित जोशी की आपराधिक याचिका पर दिए। याचिका में उसके खिलाफ दर्ज दुष्कर्म की एफआईआर और आरोप पत्र को रद्द करने की गुहार की गई है।
सुनवाई के दौरान आरोपी याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि जब तक याचिका तय नहीं होती, तब तक निचली अदालत में चल रही कार्रवाई पर रोक लगाई जाए। याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर एडवोकेट हरिहरन ने कहा कि शिकायतकर्ता व रोहित के बीच सहमति से संबंध बने थे, और यह मामला हनीट्रैप का है। शिकायतकर्ता ने रोहित पर शादी के लिए दबाव डाला था। उसने रोहित पर उसकी पत्नी को तलाक देने व उसके साथ शादी करने के लिए कहा था। जवाब में शिकायतकर्ता की ओर से एडवोकेट शिवमंगल शर्मा ने कहा कि मामले में दुष्कर्म सहित अन्य गंभीर आरोप हैं। ऐसे में एफआईआर व चार्जशीट को रद्द करने वाली याचिका सुनवाई किए जाने योग्य नहीं है। उन्होंने अदालत से आग्रह किया कि शिकायतकर्ता को सुने बिना कोई भी आदेश जारी नहीं किया जाए। गौरतलब है कि इस मामले में रोहित जोशी के खिलाफ शिकायतकर्ता पीडिता ने दिल्ली के सदर बाजार पुलिस थाने में 9 मई, 2022 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें रोहित जोशी पर दुष्कर्म, गर्भपात कराना और अप्राकृतिक कृत्य सहित अन्य आरोप लगाए थे।
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